भूल ना जाऊं तुम्हे कहीं यह बिनती बारम्बार,
यह बिनती बारम्बार, यह बिनती बारम्बार
कभी ना होता बंद किसी के लिए तुम्हारा द्वार,
न बंद तुम्हारा द्वार,
भूल ना जाऊं.......
मोह नींद से जगा हमें कर्तव्य मार्ग दिखलाया,
जो भवबंधन का कारण है भलीभांति समझाया,
सत परमार्थ सुपथ में चलने का उत्साह बढाया,
कितनी बार संभाला हम को गिरते हुए बचाया
भूल न जाऊं ................
तीर्थ गए पर सतगुरु का सत्संग ना मिल पाया,
गंगा जल में तन धोने से मिटी ना ममता माया
ज्ञान भक्ति वैराग्य ह्रदय में जब तक नहीं समाया
तब तक जो कुछ किया व्यर्थ श्रम कुछ भी हाथ ना आया
हम सब भक्तो के लिए सुलभ है एक नाम आधार
भूल ना जाऊ....
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