तुम्ही मेरे राम हो तुम्ही मेरे श्याम हो ।
तुम्ही मेरे तीरथ तुम्ही चारों धाम हो ।
तुम्हारे सिवा अब कुछ नहीं भाता ।
गुरु और शिष्य का कैसा ये नाता ।
तुम्ही मेरे राम हो..............तुम्ही हो अपने जगत पराया । अब ये समझ में हमको है आया ।
तुम्हे पा के हमने सब कुछ पाया ।
सिर पे रहे सदा तेरा ही साया ।
तुम्ही मेरे राम हो..............पावन-पावन छवि है तुम्हारी ।
सुखकर हितकर वाणी तुम्हारी ।
तुमने राखी सदा लाज हमारी ।
क्षण में हरन की मुश्किलें सारी ।
तुम्ही मेरे राम हो..............तुमने ही सबके काज संवारे ।
धन्य हुए हम जो आये तेरे द्वारे ।
झूठे हैं दुनिया के रिश्ते सारे ।
जान गए हम तुम हो हमारे ।
तुम्ही मेरे राम हो..............जहाँ भी मैं देखूं नज़र तुम आते ।
तेरी शरण में हम शांति पाते ।
नश्वर रिश्ते साथ छोड़ जाते ।
सदगुरु ही सदा साथ निभाते ।
तुम्ही मेरे राम हो..............
तुम्ही मेरे तीरथ तुम्ही चारों धाम हो ।
तुम्हारे सिवा अब कुछ नहीं भाता ।
गुरु और शिष्य का कैसा ये नाता ।
तुम्ही मेरे राम हो..............तुम्ही हो अपने जगत पराया । अब ये समझ में हमको है आया ।
तुम्हे पा के हमने सब कुछ पाया ।
सिर पे रहे सदा तेरा ही साया ।
तुम्ही मेरे राम हो..............पावन-पावन छवि है तुम्हारी ।
सुखकर हितकर वाणी तुम्हारी ।
तुमने राखी सदा लाज हमारी ।
क्षण में हरन की मुश्किलें सारी ।
तुम्ही मेरे राम हो..............तुमने ही सबके काज संवारे ।
धन्य हुए हम जो आये तेरे द्वारे ।
झूठे हैं दुनिया के रिश्ते सारे ।
जान गए हम तुम हो हमारे ।
तुम्ही मेरे राम हो..............जहाँ भी मैं देखूं नज़र तुम आते ।
तेरी शरण में हम शांति पाते ।
नश्वर रिश्ते साथ छोड़ जाते ।
सदगुरु ही सदा साथ निभाते ।
तुम्ही मेरे राम हो..............
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