तेरे दर्शन करूँ गुरुजी मन में
भक्ति रस उभराये
तू ही मेरा खुदा गुरुजी
मुझको विघ्नों से तु बचाए
तुमने धरा पे आकर
कष्टों से हमें बचाकर
अहसां किया है हम पर
तुमने, हमको ये रंग लगाकर
रहमत तेरी हो जाए
तुमको ही तुमसे पाए
नही कोई चाह बाकी
अब तो अपना तुम्हे बनाए तेरे
तुमने ही जग बनाया
तुमने इसे सजाया
तू ही पालक, तू ही है चालक
कैसी, पावन तेरी है माया
तुमको प्रभुजी पाकर
तुमको हृदय बसाकर
न रहा है कुछ भी बाकी
अब तो सच है हुआ उजागर
जो भी द्वार तेरे आया
जिसने तुम्हे रिझाया
तुमने सवाँरा उसको
जिसके हृदय में तु समाया
न रही कोई भी दुरी
तू ही सबसे प्रभु जरूरी
सर्वस्व तु हमारा
तुझ बिन दुनियाँ मेरी अधुरी
तू ही सबका प्रभु सहारा,
तुम बिन नही गुजारा
आए शरण तुम्हारी,
तू ही दाता, रब हमारा
तू ही दाता, रब हमारा
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