रामा रामा रामा रामा रामा जय बापू
आसारामा
रामा रामा रामा रामा रामा जय बापू आसारामा
डगमग नैया जो डोले भँवर में
तारणहारे मेरे रामा - - -
सूरत सलोनी है मोहक है पावन
भक्ति बढ़ाये मेरे रामा - - -
इक बार देखे जो भूल न पाए
ऐसी विभूति मेरे रामा - - -
नजरों में साँसों में तन मन में बसते
सर्वस्व है मेरे रामा - - -
ईश्वर है फिर भी मानव ये दिखते
कितने सरल मेरे रामा - - -
पर्वत से ऊँचे हैं सागर से गहरे
पूरण प्रभु मेरे रामा - - -
सूरज की गर्मी में चंदा की नरमी में
महके सदा मेरे रामा - - -
उत्तर दक्षिण में पूरब व पश्चिम में
सर्वत्र हैं मेरे रामा - - -
फूलों से नाजुक हैं गंगा से पावन
ज्योति पुँज मेरे रामा - - -
बिन बोले सबकी ये मन की जाने
जाननहारे मेरे रामा - - -
द्वार से इनके कोई न खाली है जाता
दीनदयालु मेरे रामा - - -
जल थल अग्नि में वायु व अम्बर में
सबमें बसे मेरे रामा - - -
सत्संग में करते हैं अमृत की वर्षा
मोक्ष की कुंजी मेरे रामा - - -
वेदों के ज्ञानी हैं आत्मध्यानी हैं
निर्लेप हैं मेरे रामा - - -
कोमल हृदय इनका मधुर है वाणी
ब्रह्म स्वरूप मेरे रामा - - -
दृष्टि से इनकी तो करुणा है बरसे
मोह ममता मिटावे मेरे रामा - - -
सबके हितैषी हैं कल्याणकारी
बन्धन हटावे मेरे रामा - - -
गुरुवर ही ब्रह्मा हैं विष्णु हैं शंकर
देवो के देव मेरे रामा - - -
दुर्लभ होता जो ज्ञान का अमृत
सहज पिलावे मेरे रामा - - -
करते हैं वेदों व शास्त्रों का मंथन
सार बतावे मेरे रामा - - -
आदर रखे जो भी वचनों में इनके
सब कुछ दिलावे मेरे रामा - - -
इनको पाके कुछ शेष न रहता
तृप्ति दिलावे मेरे रामा - - -
इनपे रखें जो अटल है भरोसा
उसकी उबारें मेरे रामा - - -
बुद्धि को करते हैं शुद्ध मेरे रामा
निर्दुख बनावे मेरे रामा - - -
श्रद्धा सुमन जो इनको चढ़ाता
दुर्गुण मिटावे मेरे रामा - - -
हम सबके जीवन को ऊँचा उठाते
निर्भय बनावे मेरे रामा - - -
कानों में पड़ती जो गुरुवर की वाणी
शुद्धि करावे मेरे रामा – सबको हर्षाये
हम सबके हित में ही खुशियाँ ये पाते
चाहे न कुछ मेरे रामा - - -
सत्संग से ही मिटता चौरासी का फेरा
उन्नति करावे मेरे रामा - - -
सुख हो चाहे हो कष्ट घनेरे
समता सिखावे मेरे रामा - - -
सत्संग में आने से जीवन सवँरता
देते प्रेरणा मेरे रामा - - -
चाहे हो कितना भी पापी व दोषी
करते क्षमा मेरे रामा - - -
किसी भी भाव से इनको जो ध्याता
अपना बनाये मेरे रामा - - -
गुरु बिन जीवन नही है सवँरता
सबको संभाले मेरे रामा - - -
गुरु दर्शन को हर कोई तरसे
भाग्य बनावे मेरे रामा - - -
सौंपे जो डोरी हाथों में इनके
शोक मिटावे मेरे रामा - - -
सबका हित करते मेरे रामा
भव पार करावे मेरे रामा - - -
बापू रूप में आए मेरे रामा
मुक्ति करावे मेरे रामा जय बापू - - -
सबके दिलों बैठे मेरे रामा
भक्ति करावे मेरे रामा - - -
सबकी झोली भरे मेरे रामा
खुशियाँ लुटावे मेरे रामा - - -
सबके हरते दुख मेरे रामा
शांति दिलावे मेरे रामा - - -
जग से हैं निराले मेरे रामा
सत्य दिखावे मेरे रामा - - -
भक्तों के रखवारे मेरे रामा
निर्भय बनावे मेरे रामा - - -
जीवन का सच्चा सार मेरे रामा
विवेक जगावे मेरे रामा - - -
घट-घट में बसे हैं मेरे रामा
माया हटावे मेरे रामा - - -
भवसागर में डोले मेरी नैया
सबके खिवैया मेरे रामा - - -
जिसने भी दिल से इसको पुकारा
दौड़े चले आये मेरे रामा - - -
ज्ञान से अपने सबको सँवारे
कष्ट निवारे मेरे रामा - - -
गुणातीत ब्रह्मरूप यही है
पार लगावे मेरे रामा - - -
इनकी कृपा को हर कोई तरसे
मौज जुटावे मेरे रामा - - -
गुरु नाम ही धन है साँचा
निर्मल पावन मेरे रामा - - -
नजरों से इनकी रहमत है बरसे
खुशियाँ बिखेरे मेरे रामा - - -
दोष तिमिर को दूर भगाते
ज्योति जगावे मेरे रामा - - -
नश्वर की है ममता हटाते
अपना बनावे मेरे रामा - - -
गुरु भक्ति ही सार जीवन का
राहत दिलावे मेरे रामा - - -
दर्शन से इनके शांति है मिलती
भांति मिटावे मेरे रामा - - -
सूक्ष्म भी हैं विराट भी हैं ये
सबमें बसे मेरे रामा - - -
मात पिता यही बन्धु हमारे
सदा साथ
निभावे मेरे रामा - - -
इनकी शरण में सुख है घनेरा
दुख को मिटावे मेरे रामा - - -
सरल सहज और मधुर है वाणी
सार बतावे मेरे रामा - - -
ज्ञानी भी है वैरागी भी है ये
पूर्ण प्रभु हैं मेरे रामा - - -
अटल अटूट है इनका बन्धन
हाथ न छोड़े मेरे रामा - - -
इनकी प्रीत से जीवन है महके
उन्नति करावे मेरे रामा - - -
जन्म मरण से हमको उबारे
मुक्ति दिलावे मेरे रामा - - -
मोह बन्धन भ्रम भेद मिटावे
मार्ग दिखावे मेरे रामा - - -
बापू मेरे ईश्वर की मूरत
सबसे निराले मेरे रामा - - -
चरणों में इनके हैं जन्नत हमारी
भव से है प्यारे मेरे रामा - - -
करुणा के सागर दीनन के बन्धु
सबके हितैषी मेरे रामा - - -
हर धड़कन में बसते यही हैं
साँसें चलावे मेरे रामा - - -
इनकी शरण है महासुखदायी
प्रेम मूर्ति मेरे रामा - - -
श्रद्धा से जो भी है दर पे आता
किस्मत जगावे मेरे रामा - - -
गुरु स्नेह बिन सब है अधुरा
पूर्ण बनावे मेरे रामा - - -
सब देकर कुछ चाह न रखते
निर्मोही शांत मेरे रामा - - -
सुमिरण से मन पावन है होता
उँचा उठावे मेरे रामा - - -
चौरासी के बन्धन काटे
मंजिल दिलावे मेरे रामा
सच्चे सुख का बोध कराते
तृप्ति दिलावे मेरे रामा - - -
दर पे है इनके जो भी आता
आनन्द दिलावे मेरे रामा - - -
काँटों से भी पुष्प खिलाते
संशय मिटाते मेरे रामा - - -
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