Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

ओ सबकी अँखियों में नीर भरे

ओ सबकी अँखियों में नीर भरे
गुरुजी मैं तो कबसे खड़ी
सबकी अँखियों में नीर भरे
गुरुजी मैं तो कबसे खड़ी
ओ मैं तो तेरे ही द्वार पड़ी
गुरुजी मैं तो कबसे खड़ी
सबकी अँखियों में नीर भरे...

तुमसा जोगी ना कोई पाया
तुमही से मैंने नेह लगाया
ओ मेरी प्रीत है तुमसे लगी
गुरुजी मैं तो कबसे खड़ी ...

सुन लो मेरे जोगी सलोना
तुम बिन रह गया बस हमें रोना
ओ मेरी अँखियों की प्यास बढ़ी
गुरुजी मैं तो कबसे खड़ी...

कृपा करो हम दास पे स्वामी
घट घट वासी अंतर्यामी
हो अब टूटे न श्रध्दा लड़ी
गुरुजी मैं तो कबसे खड़ी...

दर्शन से तेरे सुख हमें मिलता
सत्संग से आपके जीवन है खिलता
ओ बोलो आएगी कब वो घड़ी
गुरुजी मैं तो कबसे खड़ी...

आत्मज्ञान की बातें तुम्हारी
पुलकित होते है नर और नारी
ओ तेरी शान है सर्वोपरी
गुरुजी मैं तो कबसे खड़ी...

तुमसा जोगी ना कोई प्यारा
तुम ही हो जीने का एक सहारा
हो अब तो तुमको ही माना हरि
गुरुजी मैं तो कबसे खड़ी...

चाहे जैसे मुझे रख लो,कुछ ना कहूँगा मैं

चाहे जैसे मुझे रख लो,कुछ ना कहूँगा मैं
तेरा ही था, तेरा ही हूँ ,तेरा रहूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे रख लो...

तुम्हारे नाम का मोती ही मेरी दौलत है
ये रूतबा और ये शोहरत भी तेरी बदौलत है
तू है सागर मैं हूँ कतरा, तुझ संग बहूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे रख लो...

मेरा मन अब नही लगता है जग की बातों में
अपनी उँगली थमा दी मैंने तेरे हाथों में
जिस तरफ ले चलो मुझको वही चलूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे रख लो...

गम की राते लगे की जैसे सुख का सवेरा है
बस तू एक बार जो कह दे कि हाँ तू मेरा है
फिर तो हर एक सितम हँसकर ही सहूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे रख लो...

जिसकी अटकी है जान तुझमें मैं वो परिंदा हूँ
तू मेरे साथ है इस आस पे मैं तो जिंदा हूँ
हमारी आस जो टूटी तो जी ना सकूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे रख लो...

तेरे दर्शन को नैना तरसते

तेरे दर्शन को नैना तरसते 
सबकी अँखियों से नीर बरसते
अब तो आ भी जाओ ऐसे ना तड़पाओ
धैर्य धरते हुए हम पुकारा करे
गुरुदेवा ओ गुरुदेवा,बापू ओ मेरे बापू

तुमको पाया तो सबकुछ है पाया
मिट गई जन्मों की लौकिक माया
नाम जपता रहूँ तुमको ध्याता रहूँ
महिमा सभीको सुनाता रहूँ
गुरुदेवा ओ गुरुदेवा,बापू ओ मेरे बापू

अपनी सूरत हृदय में बसा दो
प्रीत करने की रीती सिखा दो
करके चरणों का ध्यान,पाए भक्ति और ज्ञान
गुरुभक्ति से मन को मिटाते रह
गुरुदेवा ओ गुरुदेवा,बापू ओ मेरे बापू

सारे साधक खड़े तेरे द्वारे 
आ भी जाओ महँगीबा दुलारे
सुन के करुण पुकार आ जाओ करतार
सत्संग अमृत की वर्षा कराते रहो
गुरुदेवा ओ गुरुदेवा,बापू ओ मेरे बापू

ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय 
शिवाय नमः शिवाय।
तीन शब्द में सृष्टि सारी
सृष्टि सारी समाय
ॐ नमः शिवाय ।।धृ।।

पर्बत पर्बत क्यों चढ़े
नदी पार क्यों जाय
जो मिलना है यही है
जिन खोजा तिन पाय
ॐ नमः शिवाय...

हर सपना एक साँप है
मन से लिपटा जाय
विष अमृत कभी ना बने
लाखो जतन लगाय
ॐ नमः शिवाय...

तेरा दर मिल गया मुझको

तेरा दर मिल गया मुझको
सहारा हो तो ऐसा हो
तेरी किरपा पे पलता हूँ
गुजारा हो तो ऐसा हो
तेरा दर मिल गया मुझको...

जमाने में नही देखा 
कोई सरकार के जैसा
मेरे दिलदार के जैसा
मेरे सरकार के जैसा
हमें ये नाज है रहबर
हमारा हो तो ऐसा हो 
तेरा दर मिल गया मुझको...

रहूँ मैं तरी चौखट पर
मेरे जोगी मेरे दिलबर
मेरे जोगी मेरे रहबर
मेरे जोगी मेरे दिलबर
रहें तू रूबरू मेरे
नजारा हो तो ऐसा हो
तेरी किरपा पे पलता हूँ
गुजारा हो तो ऐसा हो
तेरा दर मिल गया मुझको...

मेरे साँसों में बहती है
तेरे ही नाम की खुशबू
महक जाए हर एक मंजर
जिकर जब भी तुम्हारा हो

तेरा दर मिल गया मुझको
सहारा हो तो ऐसा हो

तेरी किरपा पे पलता हूँ
गुजारा हो तो ऐसा हो

हमें ये नाज है रहबर
हमारा हो तो ऐसा हो 

रहें तू रूबरू मेरे
नजारा हो तो ऐसा हो

महक जाए हर एक मंजर
जिकर जब भी तुम्हारा हो

जिकर जब भी तुम्हारा हो
सहारा हो तो ऐसा हो....

कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे

कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे
ओ कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे
नींद चुराके मोहे अपना बनावे
ओ कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे...

प्रीत लगाके तोसे बड़ा दुःख पाया रे
एक पल भी मोहे चैन न आया
तेरे बिन मन घबराए, एक पल चैन न आए
ओ कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे...

छुप छुप रोऊँ कान्हा दुनिया से चोरी रे
टूट न जाए कहीं प्रीत की डोरी
नैना भर भर आए तेरी याद सताए
ओ कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे...

भक्त तुम्हारा कान्हा तुमको पुकारें
दरश दिखा दे मोहे आँखों के तारे
तेरा दर्शन पाया जीवन बीता प्यारा
ओ कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे...

तेरे बिन मन घबराए एक पल चैन न आए
ओ कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे
नींद चुराके मोहे अपना बनाए
ओ कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे...

प्रीत लगाके तोसे बड़ा दुःख पाया रे
एक पल भी मोहे चैन न आया
नैना भर भर आए तेरी याद सताए
ओ कान्हा तेरी बाँसुरी नींद चुरावे...

हे मेरे शिवरूप गुरुजी

हे मेरे शिवरूप गुरुजी
सत्य सदा सुखरूप गुरुजी
रुद्र महा शिवरूप गुरुजी
हे मेरे शिवरूप गुरुजी।।धृ।।

नाम है तेरा तारणहारा
सबके दुखड़े हरते हो तुम
प्रेम सुधा का पान करा के
सबको पावन करते हो
तुमही हो सब रूप गुरुजी
हे मेरे शिवरूप गुरुजी...

पावन सबसे ज्ञान की गंगा
आपके मुख से बहती है
ब्रह्म गुरु के वचनों में है
सारी श्रुतियाँ कहती है
सबमें तेरा रूप गुरुजी
सत्य सदा सुखरूप गुरुजी
हे मेरे शिवरूप गुरुजी...

मंगल दर्शन गुरुवर तेरा
जिसने भी कभी पाया है
जनम जनम की प्यास मिटी
जो तेरे दर पे आया है
रुद्र महा शिवरूप गुरुजी
सत्य सदा सुखरूप गुरुजी
हे मेरे शिवरूप गुरुजी...

सिंधु दया के प्रेम के सागर
विनती मेरी सुन लेना
सेवक जान सदा चरणों में
मुझको अपने रख लेना
तेरे रहूँ अनुरूप गुरुजी
सत्य सदा सुखरूप गुरुजी
हे मेरे शिवरूप गुरुजी...

कैलाशी काशी के वासी
घट घट वासी अविनाशी हो
ह्रदय बिहारी भव भयहारी
त्रिपुरारी तुम सुखराशी हो
तुम ही हो सब रूप गुरुजी
सत्य सदा सुखरूप गुरुजी
हे मेरे शिवरूप गुरुजी...

गुरु सुखकारक गुरु दुःखवारक

गुरु सुखकारक
गुरु दुःखवारक
मुख मुद्रा मनोहारी
गुरु की महिमा भारी
मेरे गुरु की महिमा भारी।।धृ।।

गुरु का संग मिला है जबसे
तबसे बात बनी है न्यारी
प्रगट सुबुद्धि गुरु के वचन से
वाणी लगे मोहे प्यारी
गुरु की महिमा भारी...

धर्म सिखाया मार्ग दिखाया
गुरुवर है मेरे परम् उपकारी
गुरु ने ही गोविंद बतायो
निर्बलता को निवारी
गुरु की महिमा भारी...

जय गुरु जय गुरु जय हो तुम्हारी
एक अर्जी तुम सुन लो हमारी
सारी उमर करूँ चरणों की पूजा
बेड़ो लगा दियो पारी
गुरु की महिमा भारी...

गुरु सुखकारक, 
गुरु दुःखवारक
मुख मुद्रा मनोहारी,
गुरु की महिमा भारी,
मेरे गुरु की महिमा भारी

आनंदरूपा जय गुरुदेवा

आनंदरूपा जय गुरुदेवा
परम् स्वरूपा जय गुरुदेवा
गुरु ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ ।।धृ।।

पूर्ण स्वरुपा जय गुरुदेवा
निराकार रूपा जय गुरुदेवा
निरंजन रूपा जय गुरुदेवा
गुरु ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ

केशव स्वरुपा जय गुरुदेवा
परम् स्वरुपा जय गुरुदेवा
आनंदरूपा जय गुरुदेवा
ब्रह्म स्वरुपा जय गुरुदेवा
गुरु ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ

सदगुरू सा नही और जगत में
परम् दयालू परम् कृपालू
सदगुरू सा नही और जगत में
गुरु ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ