Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

मैं आया तेरी शरणी


मैं आया तेरी शरणी मेरे गुरुदेवा
तुम दाता दीनदयालु मेरे गुरुदेवा
करुँ तेरी सेवा सदगुरु करुँ तेरी सेवा
तुमही सहारा तुम ही साथी
तुमही दीपक तुमही बाती
तुमसे रोशन दिन और राती
महिमा तेरी कही न जाती
भक्ति तेरी पाऊ गुरुजी - - -
तेरा है गुरु प्रेम निराला
कर देता है ज्ञान उजाला
भक्तों को है तुमने संभाला
तू खोले तकदीर का ताला
शीष मैं झुकाऊँ गुरुजी - - -
चरणों में तेरे वन्दन करते, तेरा ही हम सुमिरन करते
दर्शन तेरा हम सब करते, भक्ति प्रीति ------------
महिमा तेरी गाऊँ गुरुजी - - -
ध्यान योग की धारा बहाते
भक्ति तप की महिमा  बताते
अंतर गहरा ध्यान कराते
ब्रम्हज्ञान निज रूप सुनाते
प्रीति मैं बढ़ाऊँ गुरुवर - - -
दृष्टा-सृष्टा साक्षी हो तुम
भटकों के प्रभु साहिल हो तुम
अनंत प्रेम भंडारी हो तुम
सदगुरुदेव अवतारी हो तुम
निशदिन ध्याऊँ गुरु जी - - -
अंतर्यामी तुम हो, पालनहारे तुम हो
ज्ञान के दाता तुम हो, आनंद दाता तुम हो
जपूं नाम तेरा गुरुवर - - -
मन बुद्धि है तुमको अर्पित,

झूठी है ये दुनियां कल्पित

तेरा ही है तुझे समर्पित

सेवा सुमिरन करूं मैं निशदिन

तुमको रिझाऊँ गुरुवर - - -

गुरुपूनम पर वन्दन करते हैं

पूर्णिमा पर्व पे वन्दन करते हैं
गुरुपूनम पर वन्दन करते हैं गुरुवर के चरणों में
ये जीवन अब बीते सारा गुरुवर के ही चरणों में
निभता रहे पूनम व्रत सबका गुरुदेव के चरणों में
गुरु ही ब्रम्हा विष्णु हैं और गुरु ही अलख निरंजन
गुरु ही मंगलकारी हैं और गुरु ही दुख भय भंजन
सारे तीरथ मंदिर होते हैं गुरुवर के चरणों में
गुरु शिष्य सा पावन जग में ना कोई दूजा बन्धन है
गुरुवर की कृपा दृष्टि     कट जाते भवबन्धन है
हम सब कुछ अर्पण करते हैं गुरुवर के ही चरणों में
गुरुवर ही हैं प्राण आधारे गुरुवर ही जीवन धन हैं
गुरु ही भक्ति मुक्ति दाता सदगुरु ही आनंद धन हैं
सच्चा शांति तृप्ति मिलती है गुरुवर के चरणों में
धरा पे उतरे हित करने को गुरुवर का अभिनन्दन है
करुणा वरुणा के सागर गुरुवर का अभिनन्दन है
ये शीष सदा झुकता ही रहे प्यारे गुरुवर के चरणों में
गुरु रक्षा सबकी करते हैं शक्ति का करते स्पन्दन है
प्रभु दिखे सर्वत्र हमें गुरु देते ऐसा अंजन है
हम श्रद्धा को अडिग रखें अपने गुरुवर के चरणों में

नहीं जाना अब दूर “गुरुवर”

नहीं जाना अब दूर गुरुवर
नहीं जाना अब दूर गुरुवर
कह दो हमारा जी कसूर, रूठे क्यूँ हमसे जीहुजूर
तुम तो चले जाओगे, याद हमें आओगे
लेकिन बुलाना जी जरूर - - - नही जाना - --
दिल में हमारे रहना, हँसते हँसाते रहना
आँखों में तेरा ही सुरूर - - - नही जाना -- -
तेरा ही सहारा है, तू ही बस हमारा है
झूठे हैं सारे दस्तूर - - - नहीं जाना - --
तुम ही हो दाता मेरे गुरुवर विधाता मेरे
तुम ही हमारा गुरूर - - - नहीं जाना - - -

अपनी हमें प्रीत देना, अपनी शरण में लेना
सदा प्रेम रहे भरपूर - - - नहीं जाना - --
सेवा सदा तेरी करें, कष्टों से हम ना डरें
हो ना कभी मजबूर - - - नहीं जाना - - -
दर्श तेरे पाते रहें, द्वार तेरे आते रहें
आँखों मे रहे तेरा नूर - - - नहीं जाना -- -
भक्ति हम तेरी करें, भावों से दिल को भरें
गर्व गुमान करो चूर - - - नहीं जाना - - -
आज्ञा मे तेरी रहें, दुख सारे हँसके सहें
जो भी मिले हो मंजुर - - - नहीं जाना - - -

तुम्हे देखते रहें

तुम्हे देखते रहें, देखते रहें
तेरी सूरत नूरानी, मन में भरें
भागों की अब तो हमको, चाहना नहीं है
’गुरुवर’ जो तुम दिखलाओ, मार्ग (वो) सही है
तेरी सेवा करें, करते रहें - - -
तुम बिन हमारा ‘गुरुवर’ कोई भी नहीं है
तेरा ही है सहारा, पालक तू ही है
तुम्हें वन्दन करें, करते रहें - - -
धड़कन है जिनसे चलती, ‘गुरुवर’ वही है
छूटे ना साथ तुम्हारा, प्रार्थना रही है
तेरी बन्दगी करें, करते रहें - - -
हम (तो) तुमको पाने के, काबिल नहीं है
फिर भी हम तो चाहें तुमको, चाहत तू ही है
तेरे दर्शन करें, करते रहें - - -
जो ज्ञान तुम देते हो, मिले ना कहीं है
जो चाहे मुक्ति (शांति) पाना, आये वो यहीं है
तुम्हें पूजते रहें, पूजते रहें - - -
‘गुरुवर’ की वाणी सबको, शांति दे रही है
’गुरु’ जैसा कोई हितैषी, जग में नही है
तेरा सत्संग सुने, सुनते रहें - - -

पाया तुम्ही से सब कुछ, कामना नही है
प्रीती तुम्हारी अमोलक, प्यास भी यही है
तुम्हें देखते रहें, देखते रहें - - -
झूठे सब रिश्ते नाते, अपने नही है
तुमसे ही प्रीती बाँधे, अपना तू ही है
तुम्हे अपना कहे, कहते रहें - - -
तुम्हें देखते रहे, देखते रहें - - -
चरणों में प्रीती बढ़े,
मेरी चाहना यही है।
छूटे ना साथ तुम्हारा,
प्रार्थना यही है ॥

आकाश गंगा में जब तक सितारे रहे

आकाश गंगा में जब तक सितारे रहे
आकाश गंगा में जब तक सितारे रहे मेरे गुरुवर- - -

तुमको मेरी उमर लग जाए
तुम बता दो मुझे ऐसा उपाय
दीर्घायु हो तुम, चिरआयु हो तुम
तेरी सेवा और दर्शन नित पाते रहे - - - देवा ओ - - -
नहीं सह सकते तुमसे हम दूरी
हमारी दुनियाँ तेरे बिन अधूरी
हमारे स्वामी हो तुम, अंतर्यामी हो तुम
अपनी साँसों में तुमको बसाते रहें - - - देवा ओ - - -
हमारे सर पे रहे तेरा साया
हमारे संग ही चले तेरी छाया
तुम ही सबकी पूजा, तुमसा ना है दूजा
तेरी भक्ति में खुद को मिटाते रहें - - - देवा ओ - - -
तेरा साथ कभी ये ना छूटे
तुमसे बन्धन कभी ये ना टूटे
हमारा जीवन हो तुम, हमारी धड़कन हो तुम
अपनी प्रीति को तुझमें बढ़ाते रहें - - - देवा ओ - - -

तू निराला है सारे जहाँ से
तुमसे चलती हमारी ये श्वासें
मन भी तेरा दिया
तन भी तेरा दिया
सब तेरा ही हम तुमको चढ़ाते रहें - - - देवा ओ - - -
क्या करें जाके मन्दिर शिवाले
हमारा सब कुछ तेरे हवाले
हमारी बन्दगी भी तू, हमारी जिन्दगी भी तू
तेरे चरणों में विश्रांति पाते रहें - - - देवा ओ - - -
अर्ज सुन लो प्रभुजी हमारी
हमको क्षण-क्षण जरुरत तुम्हारी
जबसे तुमको पाया
चैन मन को आया
तेरे कदमों में मस्तक झुकाते - - - देवा ओ - - -

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