Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

प्रभुजी तुम चन्दन हम पानी


प्रभुजी तुम चन्दन हम पानी
पाकर तेरा संग न जाने
महके हैं कितने प्राणी

गंगा मिले जैसे सागर से अपने
ऐसी लगन है लगानी
ऐसी लगन है लगानी

 जब से प्रभु तेरा दरश है पाया
बदली है ये जिन्दगानी 
बदली है ये जिन्दगानी 

लीला तुम्हारी कैसे समझे
हम मूरख अज्ञानी
हम मूरख अज्ञानी

तुमको पाने को हर कोई तरसे
योगी तपस्वी व ध्यानी
योगी तपस्वी व ध्यानी

स्वाति बिन जैसे रहे न पपीहा
ऐसे सुने तेरी वाणी
ऐसे सुने तेरी वाणी

तुम बिन हम तो कुछ भी नही हैं
व्यर्थ बनें अभिमानी
व्यर्थ बनें अभिमानी

आदि भी तुम आए अंत भी तुम हो
तुमसे शुरु हर कहानी
तुमसे शुरु हर कहानी

तुमही साथी मेरे हो गुरुवर
दुनिया तो है बेगानी
दुनिया तो है बेगानी

सब कुछ पाया हमने तुमसे
तुम सम न कोई दानी
तुम सम न कोई दानी

जन्मों से हारे भटके थके हैं
अब तो है प्यास बुझानी
अब तो है प्यास बुझानी

कैसी नूरानी मूरत तुम्हारी
दुनिया तेरी है दीवानी
दुनिया तेरी है दीवानी

देह को अपना माने थे बैठे
ये तो यहीं रह जानी
ये तो यहीं रह जानी

इनका इनको ही अर्पण कर दे
होगी हमें क्या हानि
होगी हमें क्या हानि

सब पर हो सम दृष्टि रखते

तुम ही तो हो ब्रम्हज्ञानी
तुम ही तो हो ब्रम्हज्ञानी


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