Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

सोए भाग्य जगा दे



हम शरण तुम्हारी आए
की सोए भाग्य जगा दे 
के बिगड़ी आज बना दे
 
जनमों से हम तो भटक रहे थे
विषय विकारों में अटक रहे थे
ज़रा सत्य की राह दिखा दे 
कि सोए भाग्य जगा दे
कि  बिगड़ी आज बना दे...
 
तुम ने खुद को कष्ट दिया पर लोगों का हीतचाहा
इसी प्यार को तेरे जोगी दुनिया ने सराहा
दर दर ठोकर खाई हम ने तब तेरी चौखट पाई हम ने
गुरु आज हमें अपना ले  
कि  सोए भाग्य जगा दे
कि  बिगड़ी आज बना दे
हम शरण तुम्हारी आए..
 
है नूरानी चाँद  सी सूरत
तुम में दिखे रब की मूरत
ज़रा थोड़ा सा मुसका दे
कि  सोए भाग्य जगा दे
कि  बिगड़ी आज बना दे
 
हम मूरख अज्ञानी  गुरुवर
तुम तो हो महादानी गुरुवर
हम गिरतों को आज उठा ले 
कि  सोए भाग्य जगा दे
कि  बिगड़ी आज बना दे
 
अंतर तमस मिटा के तुम ने प्यार का अलख जगाया
संतों के वचनो को जोगी घर घर तक पहुँचाया
सब ग्रंथो का सार सुनाया

बापू लीलाशाह जी के ज्ञान  को घर घर तक पहुँचाया
किस्मत से ये शुभ दिन आया हम को गुरुवर ने अपनाया
अब अंतर ज्योत जगा दे 
कि  सोए भाग्य जगा दे
कि  बिगड़ी आज बना दे
 
थाऊमलके राज दुलारे प्यारी मैय्याजी के आँखो के तारे 
लीलाशाह जी के आँखो के तारे हम भक्तो के गुरवर प्यारे
हम से भी रिश्ता बना ले
कि  सोए भाग्य जगा दे
कि  बिगड़ी आज बना दे
 
तुम संग बाँधी प्रेम की डोरी
आस्था और विश्वास की डोरी
डोर कभी ना टूटे दुनिया चाहे छूटे गुरुवर साथ तुम्हारा ना छूटे 
हम गिरतों को आज उठा ले
कि  सोए भाग्य जगा दे
कि  बिगड़ी आज बना दे
 
 
जीना तो पशु कीट पतंगे सिख ही लेते है यारा

जोगी तो मरना भी सिखाया जनम ना हो फिर दोबारा
ज़रा सत्य की राह दिखा दे
कि  सोए भाग्य जगा दे
कि  बिगड़ी आज बना दे
 
राम और रहिमान तुम्ही हो
सब वेदों का ज्ञान  तुम्ही हो
इन आँखो से आज पीला दे
कि  सोए भाग्य जगा दे
कि  बिगड़ी आज बना दे
  
जब से देखा गुरुवर जाने क्या हो गया 
 
मेरे प्यारे गुरुदेव मैं तेरा हो गया
ओ -------------म्म
तं नमामि हरिं परं 
तं नमामि हरिं परं 
तं नमामि हरिं परं 


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