जय गुरुदेव बोलो जय गुरुदेव
बधाई हो बधाई –बधाई हो बधाई
अवतरण दिवस की सबको बधाई
अवतार ले के – अवतार ले के आए हैं मेरे गुरुदेव
सबके बापू कहाए हैं मेरे गुरुदेव
जिसने दर्शन इनका पाया
वो तो धन्य हुए हैं
भव सागर में डूबे थे जो
वो तो पार हुए हैं
रहम सबपे करे हैं मेरे गुरुदेव
मूरत इनकी अति मन भावन
सबके कष्ट हरे हैं
दीन दुखी को गले लगाते
सबको पावन करे हैं
करुणा की मूरत हैं मेरे गुरुजी
सबपे कृपा करते गुरुवर
भक्ति सबमें भरे हैं
चरणों में वन्दन करते
भक्त यहाँ तरते हैं
सबका भाग्य बनाते हैं मेरे गुरुदेव
इनके जैसा न कोई दूजा
केवल एक यही है
दाता-विधाता है ये हमारे
दूजी न आस कोई है
सारे जग से निराले हैं मेरे गुरुदेव
इनके चरणों में सुख है साचा
तीर्थ-धाम सभी है
गुरु करते जब क़ृपा हम पर
हो उद्धार तभी है
सबके पालन हारे हैं मेरे गुरुदेव
गुरु के बताए मार्ग पे तो
जो भी शिष्य चले हैं
उसकी विपदाए और संकट
गुरुकृपा से टले हैं
सबकी बिगड़ी बनाते हैं मेरे गुरुदेव
पूर्ण करते हर अभिलाषा
झोली सबकी भरे हैं
क्षण में हो जाता पावन वो
इनका जो ध्यान धरे हैं
भक्ति-मुक्ति के दाता है मेरे गुरुदेव
कभी तोड़े न नाता है मेरे गुरुदेव
इनके आने से महका है और
शोभित हुआ जहाँ है
मेरे बापू सा इतना दयालु, कोई और कहाँ है
उस रब की ही मूरत है मेरे गुरुदेव
हम सबके कल्याण के हेतु
बापू ने जन्म लिया है
अपने बारे में कभी न सोचा
परहित सदा किया है
सबका सुनते समझते हैं मेरे गुरुदेव
इनकी भक्ति करने से जो
मिले वो सच्चा सुख है
इनकी रजा से सृष्टि ये चलती
बदले वो अपना रूख है
करते लीला वो प्यारी है मेरे गुरुदेव
कोमल सरल स्वभाव है इनका
बापू तो ब्रह्मज्ञानी है
पीड़ा सबकी हरने आए
ये तो महादानी है
आत्म ज्योति जगाते हैं मेरे गुरुदेव
शांति भक्ति, तृप्ति व मुक्ति
सबको ये देते हैं
दुर्गुण दोष, विकार ये सारे
सबके हर लेते हैं
हितकारी, उपकारी हैं मेरे गुरुदेव
जड़ चेतन में बसते हैं मेरे गुरुदेव
शुभ दिन प्यारे आज है आया
हमको साईं मिले हैं
समरथ सतगुरु से ही प्यारे
ज्ञान के दीप जले हैं
ज्योत सबमें जलाते हैं मेरे गुरुदेव
झूठा जग ये भाए न हमको
हम तो तेरे हुए हैं
जब से मिले तुम हमको गुरुवर
दूर अन्धेरे हुए हैं
सच्चे दिलबर हो दाता मेरे गुरुवर
भीड़ पड़ी जब-जब भक्तों पर
प्रभु अवतार लिए हैं
आप ही रक्षक बनकर गुरुवर
सबको प्यार किये हैं
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