गुरु भक्ति करनेवाले पार हो जाते हैं ।
दर्शनदर्शनगुरु का दर्शन पाते हैं ॥
झोली खुशियों से वो अपनी भर ले जाते हैं ।
रहमत रहमत गुरु की रहमत पाते हैं ॥
गुरु सेवा में खुद को मिटा लो, इनकी ताल से ताल मिला लो ।
मन में प्रीत की ज्योत जगा लो, गुरु चरणों की लगन लगा लो ।
सेवा में जो अपने तन मन को लगाते हैं,
दर्शनदर्शनगुरु का दर्शन पाते हैं ॥
झोली खुशियों से वो अपनी भर ले जाते हैं ।
रहमत रहमत गुरु की रहमत पाते हैं ॥
गुरु सेवा में खुद को मिटा लो, इनकी ताल से ताल मिला लो ।
मन में प्रीत की ज्योत जगा लो, गुरु चरणों की लगन लगा लो ।
सेवा में जो अपने तन मन को लगाते हैं,
किरपा किरपा गुरु की किरपा पाते हैं ॥
गुरु ज्ञान को मन में बसा लो, जीते जी तुम मुक्ति पा लो ।
आके अपना भाग्य बना लो, चरणों में तुम शीश झुका लो ।
श्रद्धा रखने वाले पार हो जाते हैं,
गुरु ज्ञान को मन में बसा लो, जीते जी तुम मुक्ति पा लो ।
आके अपना भाग्य बना लो, चरणों में तुम शीश झुका लो ।
श्रद्धा रखने वाले पार हो जाते हैं,
रह जाते रह जाते निगुरे रीते रह जाते हैं ॥
बस गुरुवर के नाम में सुख है, सुखी वही है जो गुरु मुख है ।
जिसनेगुरु का नाम लिया है, गुरु अमृत का पान किया है ।
गुरु अमृत को पाकर साधक तर जाते हैं,
बस गुरुवर के नाम में सुख है, सुखी वही है जो गुरु मुख है ।
जिसनेगुरु का नाम लिया है, गुरु अमृत का पान किया है ।
गुरु अमृत को पाकर साधक तर जाते हैं,
दर्शन दर्शन गुरु का दर्शन पाते हैं ॥
कृष्णकी बात करण ने ना मानी, रावन ने भी की मनमानी ।
सतीजीने भी सुनी ना शिव की, जोकि थी अपनी ही हानि ।
जो श्रद्धा को अपनी ना अटल बनाते हैं,
कृष्णकी बात करण ने ना मानी, रावन ने भी की मनमानी ।
सतीजीने भी सुनी ना शिव की, जोकि थी अपनी ही हानि ।
जो श्रद्धा को अपनी ना अटल बनाते हैं,
ठोकर ठोकर सदा वो ठोकर खाते हैं ॥
कष्टोंमें सदा गुरु संभालें, गुरुवर हैं सबके रखवाले ।
कर देते जीवन में उजाले, हटा दें बादल दुःख के काले ।
वो धनभागी धन और मुक्ति पाते हैं,
कष्टोंमें सदा गुरु संभालें, गुरुवर हैं सबके रखवाले ।
कर देते जीवन में उजाले, हटा दें बादल दुःख के काले ।
वो धनभागी धन और मुक्ति पाते हैं,
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