Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

गुरु भक्ति करनेवाले


गुरु भक्ति करनेवाले पार हो जाते हैं
दर्शनदर्शनगुरु का दर्शन पाते हैं
झोली खुशियों से वो अपनी भर ले जाते हैं
रहमत रहमत गुरु की रहमत पाते हैं
गुरु सेवा में खुद को मिटा लो, इनकी ताल से ताल मिला लो
मन में प्रीत की ज्योत जगा लो, गुरु चरणों की लगन लगा लो
सेवा में जो अपने तन मन को लगाते हैं,
किरपा किरपा गुरु की किरपा पाते हैं
गुरु ज्ञान को मन में बसा लो, जीते जी तुम मुक्ति पा लो
आके अपना भाग्य बना लो, चरणों में तुम शीश झुका लो
श्रद्धा रखने वाले पार हो जाते हैं,
रह जाते रह जाते निगुरे रीते रह जाते हैं
बस गुरुवर के नाम में सुख है, सुखी वही है जो गुरु मुख है
जिसनेगुरु का नाम लिया है, गुरु अमृत का पान किया है
गुरु अमृत को पाकर साधक तर जाते हैं,
दर्शन दर्शन गुरु का दर्शन पाते हैं
कृष्णकी बात करण ने ना मानी, रावन ने भी की मनमानी
सतीजीने भी सुनी ना शिव की, जोकि थी अपनी ही हानि
जो श्रद्धा को अपनी ना अटल बनाते हैं,
ठोकर ठोकर सदा वो ठोकर खाते हैं
कष्टोंमें सदा गुरु संभालें, गुरुवर हैं सबके रखवाले
कर देते जीवन में उजाले, हटा दें बादल दुःख के काले
वो धनभागी धन और मुक्ति पाते हैं,
दर दर जो गुरु के दर पे आते हैं


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