कोई जानेगा जाननहारा, साधो गुरु बिन जग अँधियारा ।
महिमा उनकी कैसे गायें, वाणी रुक-रुक जाए ।
सन्मुख उनके आयें कैसे, मस्तक झुक-झुक जाए ।
वो तो पावन ज्योति लाये, कोई जानेगा........
चरण धरे वो जिस धरती पर, वो तीरथ बन जाए ।
क्षण भर देखें जिसको बापू, चित शक्ति जग जाए ।
वो तो अमृत रस भर आये, कोई जानेगा........
अंतर के सब भरम मिटाए, सच्चा ज्ञान सुनाये ।
जीव ईश इक रूप बताकर, परम ब्रह्म दर्शाए ।
वो तो नित्यानंद छलकाए, कोई जानेगा ........
अमर उजाला बिखाराएगी, बापू की ये वाणी ।
सोया कण-कण जग उठेगा, जागेगा हर प्राणी ।
जागेगा हर प्राणी, कोई जानेगा.........
भव बंधन में जकड़े प्राणी, जग की ठोकर खाए ।
लाख चौरासी योनि भुगतें, गुरु शरण नहीं आयें ।
सदगुरु मुक्ति दिलाये, कोई जानेगा ..........
जीव पाने का भरम मिटा कर, आत्म ज्ञान बताएं ।
जनम मरण से न्यारा है तू, तत्वमसि समझाएं ।
वो तो मति पलटाने आये, कोई जानेगा ..
महिमा उनकी कैसे गायें, वाणी रुक-रुक जाए ।
सन्मुख उनके आयें कैसे, मस्तक झुक-झुक जाए ।
वो तो पावन ज्योति लाये, कोई जानेगा........
चरण धरे वो जिस धरती पर, वो तीरथ बन जाए ।
क्षण भर देखें जिसको बापू, चित शक्ति जग जाए ।
वो तो अमृत रस भर आये, कोई जानेगा........
अंतर के सब भरम मिटाए, सच्चा ज्ञान सुनाये ।
जीव ईश इक रूप बताकर, परम ब्रह्म दर्शाए ।
वो तो नित्यानंद छलकाए, कोई जानेगा ........
अमर उजाला बिखाराएगी, बापू की ये वाणी ।
सोया कण-कण जग उठेगा, जागेगा हर प्राणी ।
जागेगा हर प्राणी, कोई जानेगा.........
भव बंधन में जकड़े प्राणी, जग की ठोकर खाए ।
लाख चौरासी योनि भुगतें, गुरु शरण नहीं आयें ।
सदगुरु मुक्ति दिलाये, कोई जानेगा ..........
जीव पाने का भरम मिटा कर, आत्म ज्ञान बताएं ।
जनम मरण से न्यारा है तू, तत्वमसि समझाएं ।
वो तो मति पलटाने आये, कोई जानेगा ..
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