करतेबेड़ा पार गुरु जी करते बेड़ा पार
हैंसबके आधार गुरु जी करते बेड़ा पार
गुरुदर्शन से मन नहीं भरता
इनकीछवि में रब हमें दिखता
करने दो दीदार इन्ही के करने दो दीदार
इनकीकृपा से योग्य बने हम
गुरुजी कहे उस राह चले हम
कैसापावन प्यार गुरु का कैसा है ये प्यार
अंतर्मुखहम सबको बनाते
शाश्वतसुख की झलक दिखाते
सबकेतारणहार गुरुजी सबके तारणहार
इनकीनिगाहों में नूर अनोखा
गुरुदर्शनतो है दुर्लभ मौका
चरणोंमें संसार गुरु के चरणों में संसार
सांईमेरी विनती अब सुन लो
तुमकोरिझा लूँ ऐसा वर दो
तुमही हो करतार गुरुजी तुमही हो करतार
तुमसेतुम्ही को माँगते है हम
साथरहो मेरे गुरुवर हर दम
खुशियोंकी भरमार गुरुजी – 2
श्रद्धासुमन इन्हें करते अर्पित
तनमन से हम इनको समर्पित
महिमाअपरमपार गुरु की लीला अपरम्पार
गुरुकी निराली शान है होती
मुख सेझरे हैं ज्ञान के मोती
देतेसच्चा सार गुरूजी देते सच्चा सार
सौंपदी पतवार गुरु को सौंप दी पतवार
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