Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

साधको को मिले मेरे साईं


साधको को मिले मेरे साईंके जीवन में ख़ुशी आ गई 
जबसे दर्शन किए मेरे साईंके जीवन में ख़ुशी आ गई 

 तेरे बिना मेरा जीवन अधुरा
   लगता है सब जग सूना सूना
   तुम जो मुझ को मिले मेरे साईं मेरे जीवन में महक छा गई  

हरि नाम की प्याली पिलाते
    निज मस्ती में हमको डुबाते
 तुम सी करूणा नज़र ना कही आई के तन मन में मस्ती छा गई

मुखड़ा ये तेरा है नूरानी
    कलयुग में तुम हो महादानी
    कैसी कृपा ये की तुने साईं के इस धरा पर खुदाई छा गई

धन दौलत और मान बड़ाई
    अंत समय कुछ काम ना आई
    तुम हो सची दौलत मेरे साईं के अंधेरे जग में है रौशनी छाई

देखी है जबसे तस्वीर तेरी
     तबसे बदल गई तकदीर मेरी
   कैसी सूरत है ये तेरी साईं,के मेरे दिल को एक नज़र में है भाई

हम तो तेरा ही दीदार चाहे
     दीवाने तेरे तेरा प्यार चाहे
  कर दी कैसी कृपा  मेरे साईं के उजड़े चमन में है बहार आ गई

बिन तेरे हम रह नहीं सकते
     दर्द जुदाई का सह नहीं सकते
    कैसी माया ये तुमने दिखाई के धरा पे है रब की छवि आ गई

कण कण में है कृपा तुम्हारी
तुमने राखी लाज हमारी
कैसी दिव्य विभूति  मेरे साईं  के जैसी सूखे में है बरसात आ गई

जिसने भी तेरी किरपा को पाया
 छू नहीं सकती उससे मोह  माया 
तुम हो भव रोग की वो दवाई तुमसे जग में है भलाई आ गई 

भटक रहा था मारा मारा
कोई नहीं था मेरा सहारा
जबसे पकड़ी यह बांह तुमने साईं के किनारे पे कश्ती आ गई

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