मन कर पूजा, कर पूजा -२
गुरु चरनन की, गुरु वचनन की ।
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
गुरु चरनन में ऐसा क्या है, वैकुण्ठ द्वार यहीं खुलता है ।
ये ब्रज भूमि वृन्दावन की, मन कर पूजा ..........
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
गुरु ही ब्रह्म बना सकते हैं, घट में फूल खिला सकते हैं ।
परमेश्वर नारायणजी की, मन कर पूजा ..............
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
गुरु बिन भवनिधि तरहीं ना कोई, चाहे ब्रह्मा शंकर होई ।
ये वाणी शिव शंकरजी की, मन कर पूजा .............
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
कैसे पूजें गुरु चरनन को, अपना लो बस गुरु वचनन को ।
ये वाणी गुरु गोविन्दजी की, मन कर पूजा ..............
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
मेरे राम, मेरे राम, गुरुदेव, गुरुदेव
गुरु चरनन की, गुरु वचनन की ।
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
गुरु चरनन में ऐसा क्या है, वैकुण्ठ द्वार यहीं खुलता है ।
ये ब्रज भूमि वृन्दावन की, मन कर पूजा ..........
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
गुरु ही ब्रह्म बना सकते हैं, घट में फूल खिला सकते हैं ।
परमेश्वर नारायणजी की, मन कर पूजा ..............
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
गुरु बिन भवनिधि तरहीं ना कोई, चाहे ब्रह्मा शंकर होई ।
ये वाणी शिव शंकरजी की, मन कर पूजा .............
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
कैसे पूजें गुरु चरनन को, अपना लो बस गुरु वचनन को ।
ये वाणी गुरु गोविन्दजी की, मन कर पूजा ..............
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
मेरे राम, मेरे राम, गुरुदेव, गुरुदेव
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