नारायण, नारायण, श्रीमन नारायण, नारायण, नारायण ।
बड़े से बड़ा अब यही काम करना,चपल मन को अधीन रख कर विचरना ।
दुखों से ना डरना अटल धैर्य धरना, कहीं भी नहीं पाप पथ में उतरना ॥
नारायण, नारायण, श्रीमन नारायण, नारायण, नारायण ।
कही तुच्छ अभिमान आने ना पाए, असत दृश्य सत से डिगाने ना पाए ।
ये सुख दुःख मन को भुलाने ना पाए, कहीं भी समय व्यर्थ जाने ना पाए ॥
नारायण, नारायण, श्रीमन नारायण, नारायण, नारायण ।
उठो शीघ्र ममता से मुंह मोड़ कर के, बढ़ो कामना जाल को तोड़ कर के ।
जो कुछ मन से पकड़ा उसे छोड़कर के, जियो एक हरि से लगन जोड़कर के ॥
नारायण, नारायण, श्रीमन नारायण, नारायण, नारायण ।
बड़े से बड़ा अब यही काम करना,चपल मन को अधीन रख कर विचरना ।
दुखों से ना डरना अटल धैर्य धरना, कहीं भी नहीं पाप पथ में उतरना ॥
नारायण, नारायण, श्रीमन नारायण, नारायण, नारायण ।
कही तुच्छ अभिमान आने ना पाए, असत दृश्य सत से डिगाने ना पाए ।
ये सुख दुःख मन को भुलाने ना पाए, कहीं भी समय व्यर्थ जाने ना पाए ॥
नारायण, नारायण, श्रीमन नारायण, नारायण, नारायण ।
उठो शीघ्र ममता से मुंह मोड़ कर के, बढ़ो कामना जाल को तोड़ कर के ।
जो कुछ मन से पकड़ा उसे छोड़कर के, जियो एक हरि से लगन जोड़कर के ॥
नारायण, नारायण, श्रीमन नारायण, नारायण, नारायण ।
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