गुरुद्वार मेरा मंदिर है मेरा, गुरुदेव मेरे भगवान ।
शरणन गुरु की सार ॥
जो भी आया यहाँ सब पाया यहाँ, गुरुदेव हैं करुणा निधान ।
शरनन गुरु की सार ॥
गुरु बिन तो ये जीवन सूना है, लगे थोड़ा भी दुःख हमें दूना है ।
ना सहारा मिले ना किनारा मिले, चाहे कितना भी हो विद्वान् ॥
शरणन...............
गुरु सत्य में हमें टिकाते हैं, गुरु सत्य का भेद बताते हैं ।
ना ये काया टिके, ना ये माया टिके, काम आता नहीं अभिमान ॥
शरणन ................
हर युग में गुरु ही जरुरी हैं, इनके बिन दुनिया अधूरी है ।
महादेव हैं जो गुरुदेव भी वो, कहना तू गुरु का मान ॥
शरणन ................
गुरु भक्ति सम कोई राह नहीं, रहती फिर कोई भी चाह नहीं ।
ना है शब्द यहाँ हम स्तब्ध यहाँ, गुरु महिमा का क्या व्याख्यान ॥ शरणन ................
बस एक दुआ है ये रब से, नाता ये बना रहे गुरुवर से ।
गलियां जग की दुनिया सबकी, गुरुदेव बिना सुनसान ॥
शरणन ................
हर कण में नूर इन्ही का है, कभी आदि ना अंत प्रभु का है ।
धरती भी यही, अम्बर भी यही, गुरुदेव में ही ब्रह्माण्ड ॥
शरणन ................
हरे रामा हरे रामा, रामा रामा हरे हरे ।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे ।
शरणन गुरु की सार ॥
जो भी आया यहाँ सब पाया यहाँ, गुरुदेव हैं करुणा निधान ।
शरनन गुरु की सार ॥
गुरु बिन तो ये जीवन सूना है, लगे थोड़ा भी दुःख हमें दूना है ।
ना सहारा मिले ना किनारा मिले, चाहे कितना भी हो विद्वान् ॥
शरणन...............
गुरु सत्य में हमें टिकाते हैं, गुरु सत्य का भेद बताते हैं ।
ना ये काया टिके, ना ये माया टिके, काम आता नहीं अभिमान ॥
शरणन ................
हर युग में गुरु ही जरुरी हैं, इनके बिन दुनिया अधूरी है ।
महादेव हैं जो गुरुदेव भी वो, कहना तू गुरु का मान ॥
शरणन ................
गुरु भक्ति सम कोई राह नहीं, रहती फिर कोई भी चाह नहीं ।
ना है शब्द यहाँ हम स्तब्ध यहाँ, गुरु महिमा का क्या व्याख्यान ॥ शरणन ................
बस एक दुआ है ये रब से, नाता ये बना रहे गुरुवर से ।
गलियां जग की दुनिया सबकी, गुरुदेव बिना सुनसान ॥
शरणन ................
हर कण में नूर इन्ही का है, कभी आदि ना अंत प्रभु का है ।
धरती भी यही, अम्बर भी यही, गुरुदेव में ही ब्रह्माण्ड ॥
शरणन ................
हरे रामा हरे रामा, रामा रामा हरे हरे ।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे ।
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