मेरे करतार सरताज तुम्ही हो
पार उतारे, तारण हार तुम्ही हो
जीवन की नैया गोते है खाती
बीच भँवर में आके, राह भूल जाती
सृष्टि के कर्ता, सृजनहार तुम्ही हो
तेरे दूर जाने से, दिल है ये डरता
माँगता तुम्ही से, तुमको विनती है करता
मेरे सूने जीवन का, सार तुम्ही हो
जब भी तुम्हारे हमको दीदार मिलते
थम जाती धड़कनें हैं, दिल है ये खिलते
देते सभी को सच्चा प्यार तुम्ही हो
तुमको रिझाए कैसे, भेंट क्या चढ़ाएं
मन मंदिर में, हम तो तुमको बिठाएं
सांसों के सबकी, आधार तुम्ही हो
याद तेरी आने से, सब रुक जाता है
तेरे श्री चरणों में, सर झुक जाता
मेरे देवता हो, सरकार तुम्ही हो
हम हैं तुम्हारे प्रभुजी, तुम हो हमारे
तेरे आगे फीके हैं भोग सुख सारे
नैया के मेरे, खेवनहार तुम्ही हो
हमको बचाते, हर बार तुम्ही हो
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