हम तुमको चाहते है हम तुमको मानते है
गुरुवार शरण दे देना वरदान मांगते है
जन्मो से भटके थे हम
विषयों में अटके थे हम
मोह निद्रा से जगा कर तुमने हमे बचाया
अब तो तुम्हारी भक्ति का दान मांगते है
तेरा साथ ना ये छूटे
बंधन कभी ना टूटे
तू ही तो हमारा अपना बाकी तो सब है सपना
तुझसे ओ मेरे गुरुवर तुमको ही मांगते है
जब से है तुमको पाया
तेरी मिली है छाया
तबसे हमारे बेरंग जीवन में है रंग आया
नित दर्शनों का तेरे सोभाग्य मांगते है
कैसे तुमको रिझायें
कैसे तुमको पाएं
तेरे बीना ये जीवन हमने यूं ही गवांया
अब तोसतत तुम्हारा ही ध्यान मांगते है
ना है कोई भाई चाहत
तुमसे ही मिली है राहत
बेचैन मन में गुरुवर तुमसे करार आया
हम तो तेरी प्रसन्नता और प्रेम मांगते है
अद्भुत है तेरी भक्ति
निराली है तेरी शक्ति
वर्णन करे हम कैसे ? कुछ भी ना जानते है
हम तुमको जान पाए ऐसी दृष्टी मांगते है
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