कौआ हंस को क्या जाने, जीव शिव को क्या जाने ।
उल्लू सूरज को क्या जाने, निगुरा गुरु महिमा को क्या जाने ॥
चारों और है घोर अँधेरा, डाला माया ने है घेरा ।
क्यूँ करता है मेरा मेरा, सब छूटेगा एक दिन तेरा ।
टिकते नहीं ये दिन सुहाने, अंत समय ना चले बहाने ।
धरती अम्बर को क्या जाने, राई पर्वत को क्या जाने ।
उल्लू सूरज को क्या जाने, यौवन मृत्यु को क्या जाने ।
बहरा शब्द को कैसे जाने, झूठे सचाई को क्या जाने ।
भोगी भक्ति को क्या जाने............
सबसे प्यारी गुरु की भक्ति, गुरु ही हैं भक्तों की शक्ति ।
देते हैं ये प्यार व युक्ति, गुरु ज्ञान से होती है मुक्ति ।
मानव अपना लक्ष्य ना जाने, लगा है संपत्ति को बढ़ाने ।
अँधा उजियारा क्या जाने ...............
सच्चा सार आधार गुरु हैं, देते प्यार अपार गुरु हैं ।
कर देते उद्धार गुरु हैं, करते भव से पार गुरु हैं ।
गुरुवर आये भ्रान्ति मिटाने, भक्तों के कष्टों को मिटाने ।
दीपक सूरज को क्या जाने, रातें सुबह को क्या जाने ।
रंक राजा को क्या जाने, मिथ्या सत्य को ना जाने ।
मदिरा अमृत को क्या जाने, बिंदु सिंघु को क्या जाने ।
जड़ चेतन को कैसे जाने, कंकर हीरा को क्या जाने ।
गुरु के जैसा ना कोई सहारा, माया का है जग ये सारा ।
साथ ना देगा कोई हमारा, भव सागर में नाम आधारा ।
पंछी फंसते देख के दाने, गुरुवर आये हमें बचाने ।
सब कोई गुरु महिमा क्या जाने.............
कोई माने या ना माने, हम हैं सदगुरु के दीवाने ।
उल्लू सूरज को क्या जाने, निगुरा गुरु महिमा को क्या जाने ॥
चारों और है घोर अँधेरा, डाला माया ने है घेरा ।
क्यूँ करता है मेरा मेरा, सब छूटेगा एक दिन तेरा ।
टिकते नहीं ये दिन सुहाने, अंत समय ना चले बहाने ।
धरती अम्बर को क्या जाने, राई पर्वत को क्या जाने ।
उल्लू सूरज को क्या जाने, यौवन मृत्यु को क्या जाने ।
बहरा शब्द को कैसे जाने, झूठे सचाई को क्या जाने ।
भोगी भक्ति को क्या जाने............
सबसे प्यारी गुरु की भक्ति, गुरु ही हैं भक्तों की शक्ति ।
देते हैं ये प्यार व युक्ति, गुरु ज्ञान से होती है मुक्ति ।
मानव अपना लक्ष्य ना जाने, लगा है संपत्ति को बढ़ाने ।
अँधा उजियारा क्या जाने ...............
सच्चा सार आधार गुरु हैं, देते प्यार अपार गुरु हैं ।
कर देते उद्धार गुरु हैं, करते भव से पार गुरु हैं ।
गुरुवर आये भ्रान्ति मिटाने, भक्तों के कष्टों को मिटाने ।
दीपक सूरज को क्या जाने, रातें सुबह को क्या जाने ।
रंक राजा को क्या जाने, मिथ्या सत्य को ना जाने ।
मदिरा अमृत को क्या जाने, बिंदु सिंघु को क्या जाने ।
जड़ चेतन को कैसे जाने, कंकर हीरा को क्या जाने ।
गुरु के जैसा ना कोई सहारा, माया का है जग ये सारा ।
साथ ना देगा कोई हमारा, भव सागर में नाम आधारा ।
पंछी फंसते देख के दाने, गुरुवर आये हमें बचाने ।
सब कोई गुरु महिमा क्या जाने.............
कोई माने या ना माने, हम हैं सदगुरु के दीवाने ।
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