"सुख का साथी जगत सब, दुख का नाही कोय ।
दुःख का साथी साइयां, 'दादू' सदगुरु होय ॥"
जो शरण गुरु की आया, इह लोक सुखी परलोक सुखी ।
जिसने गुरु ज्ञान पचाया, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
रामायण में शिवजी कहते, भागवत में शुकदेवजी कहते ।
गुरुवाणी में नानक कहते, जपो संत संग राम ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............चिंता और भय मिट जाए, दुर्गुण दोष सभी छुट जाएँ ।
चमके भाग्य सितारा, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............साँसों में हो नाम का सुमिरन, मन में हो गुरुदेव का चिंतन ।
जिसने ये अपनाया, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............ब्रह्मज्ञानी साकार ब्रह्म हैं, इनका ना कोई बंधन है ।
सबको करे महान, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............कृपा तुम्हारी पा जायेंगे, जो सत्संग में आ जायेंगे ।
हो जाए भव जल पार, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............जो संतो की निंदा करते, अपना ही वो वंश मिटाते ।
जो संत शरण में आते, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............
दुःख का साथी साइयां, 'दादू' सदगुरु होय ॥"
जो शरण गुरु की आया, इह लोक सुखी परलोक सुखी ।
जिसने गुरु ज्ञान पचाया, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ
रामायण में शिवजी कहते, भागवत में शुकदेवजी कहते ।
गुरुवाणी में नानक कहते, जपो संत संग राम ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............चिंता और भय मिट जाए, दुर्गुण दोष सभी छुट जाएँ ।
चमके भाग्य सितारा, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............साँसों में हो नाम का सुमिरन, मन में हो गुरुदेव का चिंतन ।
जिसने ये अपनाया, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............ब्रह्मज्ञानी साकार ब्रह्म हैं, इनका ना कोई बंधन है ।
सबको करे महान, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............कृपा तुम्हारी पा जायेंगे, जो सत्संग में आ जायेंगे ।
हो जाए भव जल पार, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............जो संतो की निंदा करते, अपना ही वो वंश मिटाते ।
जो संत शरण में आते, इह लोक सुखी परलोक सुखी ॥
इह लोक सुखी परलोक सुखी ............
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