हे हरि श्री हरि जय जय नारायण हरि
तुमने लाख़ों कोहै तारे तू करे वो खरी
१)
तुमने डूबे हुओंको नाथ तार दिया
तुमने भटके हुओंको है आधार दिया
जो आये दर तेरेवो है भव से तरे
नाथ तुम ही होहमारे तू करे वो खरी ...
२)
तेरी लीला कावर्णन हम कैसे करें
तेरी सेवा मेंखुद को हम अर्पण करें
तन दिया मन दियातुमने जीवन दिया
तुम हो सबकेप्राण प्यारे तू करे वो खरी ...
3)
तेरे दर्शन से हैहमको आनंद मिला
तेरी कृपा से हैकितनो का जीवन खिला
तू कहे जो कहेसबके हित में कहे
तुम ही तीर्थ धामसारे तू करे वो खरी ...
४)
माया जाल हटाकरमुक्ति मंत्र दिया
तुमने धरा पे आकरहमको धन्य किया
आके दर तेरे जन्मसार्थक हुआ
तुम तो सबसे होन्यारे तू करे वो खरी ...
५)
तेरे प्रेम नेकितनों का कल्याण किया
तुमने सबकोअलौकिक सम्मान दिया
तू करे जो करेसबका मंगल करे
सबके हो तुमरखवारे तू करे वो खरी ....
6)
तेरे ज्ञान सेदुर्गुण मन के मिटते गए
तेरे ध्यान सेबंधन सारे कटते गए
तुमसे अब क्याकहूं अंतर्यामी तुम्ही
तुम ही सबके होसहारे तू करे वो खरी ...
7)
तेरे नाम से जीवनपरिवर्तित हुआ
मेरा सब कुछतुम्ही को नाथ अर्पित हुआ
तू ही है बस तूही सबका मालिक तू ही
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