गुरु का नाम है आधारा, देता सबको यही
सहारा
गुरु मेरे, गुरु मेरे पार लगइया
वो तो सबकी पार करे हैं नैया
इनकी दृष्टि से मन की कलियाँ खिलती
सुख का सुरज उगता दुख की निशा है ढलती
इनके बिन (अब) न है कुछ भी गवाँरा
यही तारे उबारे यही है खेवईया
इन्ही की करुणा से व्याधियाँ सारी मिटती
इन्ही के द्वारे तो दौलत नाम की बँटती
हमें तो लगता है इनका संग ही प्यारा
यही शिव है ब्रह्मा है यही है कन्हैया
इनके आशीष से झोलियाँ सबकी भरती
आज्ञा इनकी मानो तो नैया भव से तरती
गुरुवर करते सदा हित हमारा
इस जग के सृष्टि के यही है रचैइया
इन्ही के चरणों में दुनियाँ है हम सबकी
ऐसा लगे जैसे छवि यही है रब की
देखो आया है धरा पे तारण हारा
यही दाता पिता है यही मेरी मईया
इनकी मूरत ही प्यारी हमको लगती
इनका भक्त जो होता माया न उसको ठगती
कितनों की बिगड़ी को तुमने है सवाँरा
इन्ही की रहमत से भ्रान्ति है ये हटती
बेड़ी जन्मों की इन्ही के द्वार पे कटती
गुरु बिना तो शिष्य का नही गुजारा
इनकी सेवा से मिलती सच्ची भक्ति
गुरु जगाते हैं जीव की सोई शक्ति
इन्ही में बसता है भक्तों का जग सारा
इन्ही की नजरों में छिपी नुरानी मस्ती
याद दिलाते हैं सभी को आत्म हस्ती
सारे जग से इन्ही का प्यार है न्यारा
गुरु मेरे गुरु मेरे - - -
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