भक्ति मिलती शांति मिलती बापूके दरबारमें
भक्तजनों के कष्ट हैमिटते बापू के दरबार में
निशदिन तेरा ध्यान लगाऊं
तेरा ही गुणगान में गाऊं
कृपासबपर करे मेरे गुरुवर
आए जो गुरुद्वार पे
सचे मन से जो कोई मांगे
पूरण होते काम है
दयाकी दृष्टि सबपर करते
आए जो गुरुद्वार रे
मन का भरम मिटते गुरुवर
ज्ञान का दीप जलाते गुरुवर
कृपा भंडारी है मेरे गुरुवर
आए जो गुरुद्वार रे
गुरुवर की महिमा गा ले
प्रेम की पावन ज्योत जगा ले
भक्तिका रस सबको पिलाते
चले जो गुरुद्वार पे
मुक्त मनोहर है मुक्तेश्वर
गुरुवर ही तो है सर्वेश्वर
ज्ञान की दृष्टि सबकी खोले
आए जो गुरुद्वार पे
इनकी वाणी सार अलोकिक
छुटे मोह माया है भौतिक
पाएवो अनमोल खजाना
आए जो गुरुद्वार पे
गुरु है पावन तेज़ अनूपा
करुणा भरा है सत्य स्वरूपा
उसकेसारे पाप है मिटते,
आए जो गुरुद्वार पे
दोष विकार रहित करते है
ज्ञान को प्रेम सहित भरते है
देतेसबको सत्य की प्रेरणा,
आए जो गुरुद्वार पे
दीन दुखी के परम स्नेही
ईश्वर है पर दिखते देही
मिलतीसबको प्रेम की छाया,
आए जो गुरुद्वार पे
इनकी भक्ति काज संवारे
विघ्नों से साधक कभी न हारे
दिव्य भाव निर्माण है करते,
आए जो गुरुद्वार पे
ज्ञान है इनका सरल अनोखा
मिटता है जीवन से धोखा
मनबुद्धि की शुद्धि होती ,
आए जो .........
बापू मेरे परम तेजस्वी
दर्शन को तरसे तपस्वी
चमके सबका भाग्य सितारा,
आए जो गुरुद्वार पे
जो पाता है गुरु की निकटता
मिटती उसकी सारी विकटता
सबका हित गुरुवर है करते,
No comments:
Post a Comment