बड़ा आनंद आता है जब आते है गुरुवर,
ज्ञान भक्ति की बर्षा बरसाते है गुरुवर..
ब्रह्मज्ञानी है, महाध्यानी है, सबसे बड़े गुरुवर दानी है,
माया के परदे को हटाते है गुरुवर....
गुरु पावन है मन भावन है ,खुशिओ का बरसता सावन है,
दुर्गुण और विषयों को मिटाते है गुरुवर...
बड़े प्यारे है ये हमारे है जग के ये सृजनहारे है,
भक्ति के अमृत को पिलाते है गुरुवर...
प्रकाश है ये आकाश है ये, अज्ञान का करते नाश है ये,
हम को निज मस्ती में डूबाते है गुरुवर,,
गुरु दाता है ये विधाता है, कभी टूटे ना वो नाता है
हम सब की बिगड़ी को बनाते है गुरुवर....
भवपार करे जोली है भरे, दुखियो के दुःख को है ये हरे,
जीवन का सही मार्ग दिखलाते है गुरुवर...
निराकार है ये साकार है ये, घट घट में छिपे ओंकार है ये,
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