राम नाम गायेजा प्रीत को बढ़ाएगा
वो ही काम आएगा साथ तेरे जायेगा
हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ
भोगों में फंसकर क्यों जीवन गवांता है
सच्चे तेरे साथी गुरुवर है क्यों समझ ना पाता है
गुरु नाम ध्यायेजा सच्चे धन को पायेजा
गुरु शरण आकर ही मुक्ति को पायेगा
हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ
मोह माया के बंधन हमको फंसाते है
झूठे रिश्ते नाते है काम ये ना आते है
मोह को घटायेजा भक्ति को बढ़ाएगा
गुरु भक्ति करके तू भव से तर जायेगा
हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ
गुरु सेवा करने से पाप मिट जाते है
गुरु दर्श से बिगड़े भाग्य संवर जाते
है
गुरु कृपा पायेजा भाग्य तू बनायेजा
गुरु द्वार आकर ही कल्याण हो पायेगा
हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ
४)
गुरु ज्ञान ही हमको सच्ची शांति देता है
गुरु प्रेम जीवन से दुःख हर लेता है
प्रेम को बढ़ाएगा लगन तू लगायेजा
गुरु नाम जपने से विश्रांति पायेगा
हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ
नर तन जो पाया है वो तो अनमोल है
श्वांस निकल जाए तो इसका क्या मोल है
गुरु ध्यान धरता जा सुमिरन तू करता जा
श्वांस श्वांस में अपनी गुरु गुण गायेजा
हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ
गुरु ज्ञान से सारे दोष मिट जाते है
गुरु प्रीत से सारे बंधन कट जाते है
दोषों को भगायेजा अज्ञान मिटायेजा
गुरु कृपा से जीवन सुखमय हो जायेगा
हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ
हम सबकी नैया के गुरुवर रखवारे है
मिथ्या है जग सारा गुरु ही हमारे है
संयम बढ़ाएगा आनंद तू पायेगा
उद्धार होगा तभी गुरुशरण आएगा
हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ
गुरु ही तो जीव को उन्नत बनाते है
मै मेरे की ममता को ही मिटाते है
अंतर्मुख होता जा अहंता को खोता जा
गुरु ज्ञान से सच्ची दौलत तू पायेगा
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