कृपा करो गुरूदेव, हम पे भी कृपा करो
करूणा
करो गुरूदेव, हम पे भी करूणा करो
कृपा करने वाले, कृपा निधान तुम हो
करूणा करने वाले, करूणा निधान तुम हो
तुम बसे हमारी ऑंखों में
तुम धड्रकन में तुम सॉंसों में
तुम सोच में तुम ही बातों में
तुम दिन में तुम ही रातों में
ना बिसरो गुरूदेव कभी तुम न बिसरो
न मॉंगें हम चांदी सोना
हमें दो चरणों में इनके सोना
दूर कभी न तुम होना
न चाहे तुमको हम खोना
साथ रहो गुरूदेव सदा तुम साथ रहो
तुम पूर्ण पुरूष हो अविनाशी
तुम घट-घट के दाता वासी
तेरे चरणों में सुख सारा है
तुम तीर्थ सब गंगा काशी है
शरण रखो गुरूदेव हमें भी शरण रखो
दूर न हो गुरूदेव कभी तुम दूर न हो
सबको तुमने ही संभाला है
ज्ञान का किया उजाला है
इस जग के झूठे नजारों से
हमें तू ही बचाने वाला है
विनती सुनो गुरूदेव मेरी भी विनती सुनो
तेरे ज्ञान को जो भी पाता है
फिर शेष न कुछ रह जाता है
तुमसा तो जग में कोई नहीं
तेरे सबसे अनोखा नाता है
आन बसो गुरूदेव हृदय में आन बसो
सत्य धर्म की राह चलें
भोग रहे कदमों के तले
तन्मय होकर नाम जपें
मन में प्रेम की जोत जले
दोष हरो गुरूदेव हमारे दोष हरो
सबको पार लगाते तुम
हर विपदा से बचाते तुम
सबकी बिगड़ी बनाते तुम
हर युग में हो आते तुम
दया करो गुरूदेव हमपे भी दया करो
लगन तुम्ही से लग जाए
तुमको ही अब हम पाए
आप ही सपनों में आए
आपकी मूरत ही भाए
प्यारे लगो गुरूदेव, तुम्ही अब प्यारे लगो
झोली भरो गुरूदेव, ज्ञान से झोली भरो
थामें रखो गुरूदेव, हमें तुम थामें रखो
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