Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

गुरूद्वार मेरा, मंदिर है मेरा



गुरू द्वार मेरा, मन्दिर है मेरा
गुरूदेव मेरे भगवान, शरणन गुरू की सार
जो भी आया यहॉं, सब पाया यहॉं
गुरूदेव हैं करूणा निधान, शरणन गुरू की सार

1 गुरू विष को अमृत कर देते,
गुरू रोग-दोष सब हर लेते,
आधार गुरू है सार गुरू,
गुरू ही देते सदज्ञान,, शरणन - - -

2 संसार न साथ देता कभी
कल्पित है नाते साथी सभी
रिश्‍ते झूठे, सब है टूटे
गुरू ही करते उत्‍थान ,, शरणन - - -

3 गुरू सबके दिल की समझते हैं
गुरू बिन ही जीव उलझते हैं
कोई इनसा नहीं है ईश यही
सब करके बने अनजान, शरणन - - -
भव रोग मिटे, भ्रम जाल कटे,
गुरूदेव ही वैद्य सुजान, शरणन - - -

4 गुरू सम तो हितैषी कोई नहीं
गुरू बिन उद्धार है होए नहीं
गुरू सेवा करे गुरू ध्‍यान धरे

5 गुरू सबके पालन हारे हैं
हम सबके तारण हारे हैं
गुरू धड़कन हैं गुरू सॉंसें हैं
गुरूवर भक्‍तों के प्राण, शरणन - - -

6 गुरू विरह सदा है जाता नहीं
गुरू बिन है रहा अब जाता नहीं
यही तन मन में, यही कण कण में
गुरू ही हर शिष्‍य की शान, शरणन - - -

7 जो पाप के बोझ से भारी हैं
उनकी बिगड़ी भी सवारी है
दुर्गुण है हरे, मंगल है करे
चाहे न कभी सम्‍मान
कभी न चाहे सम्‍मान, शरणन - - -

8 गुरू मन की मैल को धोते हैं
गुरू सबके रक्षक होते हैं
हमें तारे यहीं, है सवांरे यही,
देते भक्ति का दान, शरणन - - -



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