ऐसा तेरा प्यार गुरुवर भूल न पाएं
बार बार मिलने को मन ललचाए
तुम बिन ये जीवन था सुना वीराना
दिल था ये भक्ति के सुख से बेगाना
तुम्हे पाके लगता है प्यारा सुहाना
आपका ये रिश्ता लगे सदियों पुराना
आपसे कभी न दूर हम जाएं
तुमने दिखाया है सच का हमें चेहरा
आपका ही ज्ञान प्रभु सबसे है गहरा
आपके ही चरणों में दिल है ये ठहरा
आपसे ही लगता है हर पल सुनहरा
आपके ही चरणों में मस्तक झुकाए
तुमको जो छुकर के आती है हवाए
महका दे तन मन ये महके फिजाए
तुमसे ही खुशियों के दीप जगमगाए
ज्ञान तेरा हृदय के पुष्प है खिलाए
आपकी छवि ही हृदय में बसाए
तुम ही तो जीवन हो गुरुवर हमारा
संभव नही अब तो तुम बिन गुजारा
छूटे कभी अब न दामन तुम्हारा
जैसे भी हैं तेरे हैं देना तुम सहारा
आपकी ही यादों में हर दिन बिताए
कैसा अनोखा प्रभु ज्ञान हो सुनाते
दूर-दूर से भक्त खींचे चले आते
तुम बिन न कोई भी सुख भोग भाए
तुमसे सफल होते दिन और ये राते
आपमें हम अपनी लगन ये लगाए
इतनी ही रहमत प्रभु हमपे करना
दिल ये हमारा तुम श्रद्धा से भरना
आपके ही सुमिरण में हो जीना मरना
आप ही हमारे दोष-दुर्गुण भी हरना
तुझमें ही प्रेम अपनी प्रीत ये बढ़ाए
तेरे ही सहारे मेरी जीवन को नईया
तू ही है खिवईया मेरा पार लगइया
जिन जिन राहों से हो तुम गुजरते
चहुँ दिश प्रभु तुम आनंद हो भरते
तुम बिन कष्टों से कैसे हम उबरते
बिखते थे हम तेरे बिन न निखरते
तुम्हे देखकर सबका मन मुस्काये , ऐसा - -
नैनों से आपके है अर्मत जो बरसे
पाके उसे सबका तन-मन हरषे
हर कोई आपके ही दर्श को तरसे
जो भी है पाया हमने पाया तेरे दर से
आपके ही ज्ञान को जीवन में जाए
झूठी है ये दुनियाँ ये झूठे सारे वादे
हमको लगे है प्यारी बस तेरी यादे
तुम ही सदा सबका साथ हो निभाते
तभी तो परम पिता तुम हो कहाते
आपके सिवा अब तो कुछ नही भाये
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