Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

ऐ मेरे सदगुरु प्यारे



ऐ मेरे सदगुरु प्यारे
तेरा जन्म है कैसा रुहानी
तेरे तन मन धन की तपस्या
तेरे जीवन की कुर्बानी
तू जब हम बैठे थे सुखों में
तू सुखा रहा था तन को
जब हम बैठे थे घरों में
तू भुला रहा था मन को
जग में रहकर सब भूला
न भोजन, चाह न पानी
गुरु दर पर सेवा करते
हाथों में था खून निकलता
पर गुरु सेवा में तत्पर
इस देह का भान न भूलता
गुरु आज्ञा प्रथम निभानी
वो कैसे राते होगी,
प्रभु प्रेम में तू जब रोया
दुनियाँ थी नींद में सोती
तू भर भर प्याले रोया
तेरी शान न जाये बखानी
तेरे तन मन धन की तपस्या
तेरे जीवन की कुर्बानी

नगर सेठ कहलाने वाला
गुरु द्वार पे मरता मिटता
तेरी मरजी पूरण हो
ये ध्यान हृदय में धरता
बस निरंकार ने थामा
न होने दी कुछ हानि तेरे
गुरु सत्य का रस पिलाया
तन मन हृदय में समाया
हर नस नस में पहुचा वो
हर रुहु को ॐ जपाया

वो रस मेरी आँखों से छलके

गुरु प्रेम का बनकर पानी तेरे

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