मेरे दाता खुशियाँ
बाँटे रे बाँटे दिन और रात ।
भरनी है जिसको
झोलियाँ आओ गुरु के द्वार ॥
गुरु भक्ति का ऐसा
खजाना, कभी न कम है होता
दिन दुगुना और रात
चौगुना, हर दम बढ़ता रहता
कभी न खुटता कभी न
घटता -2
ऐसा है वो ज्ञान - - -
गुरु सेवा करने से
देखो, कितने भक्त है तर गए
शबरी मीरा गुरु
भक्तों को भगवन आकर मिल गए
कष्ट पड़े जब भक्तों
पर -2
लेते गुरु अवतार - - -
गुरु ग्रंथ की महिमा
देखो, आज भी कितनी भारी
सतनाम श्री वाहगुरु
बोले मीठी वाणी
गुरु सेवा करने को
हरदम, रहते हैं तैयार - - -
मेरे गुरुवर बड़े
दयालु, सबपे कृपा करते
सच कहता हूँ ऐसे
गुरुवर, बड़े भाग्य से मिलते
गुरु ज्ञान को तुम
भी ले लो -2
डरने की क्या बात - - -
गुरु दोषों को दूर
भगाकर अंतर ज्योत जगाते
दुर्लभ है जो ज्ञान
का अमृत, गुरु सहज में पिलाते
गुरु दर पे आकर है
होता -2
भक्तों का उद्धार - - -
ये संसार है कर्म की
खेती, जो बोए वो पाए
गुरुभक्ति से सींच
ले जीवन, अवसर फिर न आए
गुरुनाम की करलो
कमाई -2
पड़े न यम की मार - - -
हितकर सरल व सार
तत्व है, बापू जी की वाणी
ज्ञानी हो चाहे
भावुक हो, समझे हर कोई प्राणी
गुरु ही जग में बस
अपने है -2
झूठा है संसार - - -
गुरु बिन मानव
जन्मों से धोखा ही खाता आया
जोड़ा नश्वर धन तो था
पर शाश्वत को न पाया
गुरु ज्ञान ही साथ
रहेगा -2
वही करे भव पार - - -
गुरु शरण ही है
सुखदायी जग है भ्रम झमेला
कोई आता कोई जाता,
चार दिनों का मेला
मानव की उन्नती का केवल
-2
गुरु ही है आधार - - -
बड़ भाग वो मानव है
जो गुरु ध्यान है धरता
गुरु सम पोषक कोई
नही है, गुरु ही पालन कर्ता
कहीं न देखा कही न
पाया -2
सदगुरु जैसा प्यार - - -
गुरु सेवा जो भी है करता,
गुरु सेवा जो भी है करता,
बिन
माँगे सब देते है, गुरु ही है करतार
कभी न
छोड़े साथ हमारा
गुरु
ही सच्चा सार
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