जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा
तेरे पीछे गुरुवर मैं चलता रहूँगा
तेरी पूजा अर्चना करता रहूँगा
तू ही सच्चा ईश है मेरा कहता रहूँगा
कश्ती को मेरी तुमने साहिल दिखाया
तुम्हे पाके लगता है सब कुछ पाया
तेरे सिवा ना कोई तमन्ना करूँगा
तेरा ध्यान ही मैं निशदिन धरुंगा
परवाह नहीं है ये दुनियाँ क्या कहती
तेरी याद में ये अंखियाँ भीगी है रहती
तेरा दास हूँ मैं तेरा ही रहुंगा
हर मुश्किल को मैं हँस के सहूंगा
करुणा से तेरी मैने सत्य है जाना
चाहत ना दूजी अब तो तुम्ही को है पाना
मैं गुणगान तेरे ही गाता रहूँगा
तुम्ही को मैं दिल में बसाता रहूँगा
तन है ये नश्वर कब तक टिकेगा
दिखे है जो अपना वो साथ ना देगा
तेरे ज्ञान में डुबकी लगाता रहूँगा
तूझी में मैं प्रीति बढ़ाता रहूँगा
तेरे नाम में है गुरुवर निराली ही मस्ती
मिट जाती दर पे तेरे पूरी ये हस्ती
तेरी ही सेवा मैं करता रहूंगा
तेरे ही चरणों में वन्दन करूंगा
खाली हाथ आए थे खाली हाथ जाना
भोगों में फँसकर क्यूँ जीवन बिताना
फँसता रहा मैं लेकिन अब ना फसूँगा
आपके ही कहने में अब मैं चलूँगा
तू ही हमारा हमारा रहेगा
जगत दिखता लेकिन बदलता रहेगा
तुम जो कहोगे वही मैं करुँगा
ना फरियाद कोई मैं तुमसे करूँगा
आपकी ही भक्ति करता रहूँगा
मन मंदिर में तेरे दर्शन करुँगा
No comments:
Post a Comment