Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

कितनी महिमा गाऊँ कितना करूँ सत्कार

कितनी महिमा गाऊँ कितना करूँ सत्कार
एक है जिव्हा मेरी तेरे गुण हैं बेशुमार
महिमा अपरम्पार तेरी -2 महिमा अपरम्पार

तेरी कृपा से मेरे गुरुवर मन को मिलाकर
जाग उठा मेरे तन मन में गुरुवर तेरा प्यार
तू दाता है सबका गुरुवर, तू ही तारणहार
भक्तों के तरसे है नैना, करने तेरा दीदार
ये दिल तुमको ही चाहे, तुमको ही रहा पुकार
भूल न पाते हम है गुरुवर तेरा प्रेम अपार
तेरा भक्त न हिम्मत हारे, दुख हो चाहे हजार
तुमसे ही खुशियाँ सारी, तुमसे ही है बहार
तुमको पाकर लगे है गुरुवर सपने हुए साकार
तुम ही साहिल मेरे, मैं डूब रहा मझधार
तुम बिन कौन सहारा, तुम सबके तारणहार
तेरी कृपा से मिटते गुरुवर, सबके दोष विकार
कण कण में रहमत है तेरी, सब तेरा उपकार
कितने डूबों को तारा, कितनों का किया उद्धार
हम भी आए शरण में गुरुवर, हमें लगा दो पार
आयेगा जब मौत का झटका, सब देंगे बिसार
बिखरेंगे रिश्ते और नाते, टूटेंगे सब तार
तुम ही एक हमारे गुरुवर, मिथ्या ये संसार

तेरी भक्ति में है शक्ति, तेरा ज्ञान है सार

तेरे नाम की चाबी से, खुले हैं मुक्ति द्वार

हम भक्तों के तुमको गुरुवर वन्दन बारंबार

महिमा अपार तेरी - - -

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