गुरु नाम सहारा मेरा है
मेरा और सहारा कोई नही
गुरु शरण में सुख तो घनेरा है
ऐसा अटल अधारा कोई नही
माया ने जो डाला घेरा है
गुरु बिन तो हटाता कोई नही
जिस दिल में गुरु का बसेरा है
उस दिल में समाता कोई नही
गुरु देते प्यार भतेरा है
ऐसी कृपा लुटाता कोई नही
ये जो जन्म-मरण का फेरा है
गुरु बिन तो मिटाता कोई नही
वृत्तियों को जो हमने बिखेरा है
गुरु बिन तो टिकता कोई नही
विषयों ने तो हमको घेरा है
गुरु बिन तो उठाता कोई नही
गुरु भक्ति ही जीवन मेरा है
गुरु बिन तो किनारा कोई नही
गुरु ज्ञान बिना तो अंधेरा है
गुरु जैसा तो प्यारा कोई नही
संसार दुखों का डेरा है
गुरु बिन तो बचाता कोई नही
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