तेरी कृपा का है असर
आ पहुँचा हूँ मैं तेरे दर
तू ही मेरा वो दिलबर
जिसको ढूँढा मैने दर-बदर
मिला न था मुझको तेरा द्वारा
मैं फिरता था मारा-मारा
आया हूँ मैं तो तेरी शरण
काटो मेरे जन्म मरण
नजरों से गुरुजी निहाल ही करते
अपनी कृपा से पार ही करते
कैसे हो तुम मेरे गुरुजी
सबके ही भक्ति का रस हो पिलाते
दुनियाँ वाले काम न आते
अंत समय में साथ छोड़ जाते
तेरा सहारा सच्चा सहारा
तुम ही गुरुवर साथ निभाते
हे करुणामय पालनहारे
तुम ही हो गुरुवर तारणहारे
ज्ञान का अमृत आप पिलाते
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