हे माँ महँगीबा बड़भागी, तू जो ऐसो लाल जनायो
ऐसो लाल जनायो, खुद ब्रम्ह तेरे घर आयो हे माँ
तुम करूणा ममता की मूरत
तेरा प्रेम सभी ने पायो रे माँ
तेरे चरणों में बलि–बलि जाएँ
तूने सदगुरु हमें दिलायो रे माँ
तेरी पुर्ण हुई थी तपस्या
ईश्वर को पुत्र बनायो रे माँ
हम सबके जो तारण हारे
उन्हे तूने मार्ग दिखायो रे माँ
गुरु भक्ति बिन चाह न दूजी
सादा जीवन ही बितायो रे माँ
प्रेम भी करती पूजा भी करती
हर नाता तूने निभायो रे माँ
हम भक्तों के जो दुखहर्ता
उन्हें तूने सुख पहुँचायो रे
माँ तुझमें थी गजब की श्रद्धा
तेरे जैसा नजर न आयो रे
अहम न माता तुझमे तनिक था
नर सेवा लक्ष्य बनायो रे माँ
मूरत तेरी प्यारी अनुपम
बड़भागी दर्शन पायो रे माँ
सरल सहज स्वभाव माँ तेरा
तूने दुखियन को अपनायो रे
तेरी अटल अटूट थी प्रीती
तूने भक्ति अमृत पायो रे माँ
शांत विशाल हृदय माँ तेरा
दीनन के कष्ट मिटायो रे माँ
गुरुमंत्र दृढ़ता से थी जपती
बापू को हृदय बसायो रे माँ
माँ महँगीबा के चरणों में
शत शत वंदन है हमारो रे माँ
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