ॐ नमो भगवते वासुदेवाय -2
तुम्ही आसरा हो, तुम्ही हो सहारा
तुम्ही मेरी मँजिल, तुम्ही हो किनारा
तुम बिन न चाहे कुछ भी तुम्हे चाहते हैं
झोली फैलाकर तुमसे, तुम्हे माँगते हैं गुरुदेव -
आपकी चरण रज करती है पावन
आपकी ही मूरत ये, है मन भावन
नयनों में अपना ही, नूर अब भर दो
अज्ञान के अँधेरे, दूर अब कर दो गुरुदेव -
जीवन हमारा बीते, भक्ति में तेरी
कृपा बनाये रखना, प्रार्थना है मेरी
हानि-लाभ दुख सुख, हँस के सहे हम
अटलता रखे तेरी, शरण में रहे हम गुरुदेव -
आपका ही रिश्ता ये, सबसे अटल है
आपका सहारा ही, सबसे सबल है
आप तो किसी का भी, साथ नही छोड़ते
कभी भी किसी से भी, मुँह नही मोड़ते गुरुदेव -
तुमसे ही जीवन ये महका हमारा
कैसे चुकायेंगे, अहसां तुम्हारा
तुम पे ही तन-मन, धन हम वारे
तुम पे न्यौछावर है, सुख ये हमारे
जड़ और चेतन में, तू ही है समाया
बड़भागी है हम जो, मिला तेरा साया
दर्श से तेरे सारे दुख दर्द भागे
आपके ही ज्ञान से, सदगुण जागे
No comments:
Post a Comment