Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

साधकों की ये हरि ॐ बोली

साधकों की ये हरि ॐ बोली
ऐसी वैसी ये बोली नही है
निंदकों की तड़क और गरज से
डरने वाली ये टोली नही है
लेके सत्संग हरि ॐ साधक
सत्य संदेश दिल में है धारे
सुन लो जग वालों अफवाओं से
डरने वाली ये टोली नहीं है
हम तो सदगुरु के प्यारे हैं साधक
जैसे सिंह के दुलारे हैं शावक
भूलकर भी हमें न सताना
गीदड़ों की ये टोली नही है
थक गये है सब जग वाले निंदक
साधकों की न श्रद्धा घटी है
हम तो प्यारे हैं अपने गुरु के
ऐसी वैसी हम जोली नहीं है
विश्व गुरु पद पे भारत रहेगा
प्यारे गुरुवर की बोली यही है
साधकों का है ये संकल्प पूरा
कायरों की ये बोली नही है
दुर्मति से भरे हैं जो निंदक
नरक गामी फिर उनकी गति है
खैरियत समझो जब तक गुरु ने
तीसरी आँख खोली नही है
सनमति से भरे है जो साधक
सत्य पथ पर तो उनकी गति है
धीरे-धीरे बापू की कृपा से
दिव्य दृष्टा की दृष्टि खुली है
धर्म मार्ग में बनते जो बाधक
उनसे डरते न प्यारे ये साधक
पाया गुरुवर से ऐसा खजाना
खाली होती ये झोली नहीं है
ब्रम्हज्ञानी का कुछ न बिगड़ता
अज्ञानी ही व्यर्थ अकड़ता
जो भी सुन ले उसी को ही माने
दुनियाँ इतनी भी भोली नही है
वक्त लेता है सबकी परीक्षा
धैर्य हारो ना गुरु की है शिक्षा
जीतता है सदा वो ही साधक
जिसकी श्रद्धा कभी डोली नही है
चाहे बाधा व कोई विघ्न हो
चाहे संकट कोई भी सघन हो
सत्य शक्ति है अद्भुत अनुपम
जा ये सकती कभी तोली नही है
लाख तूफान भक्तों पे आये
कितने आरोप जग न लगाये
तोड़ पाये जो हिम्मत को इनकी
ऐसी कोई भी बोली नही है


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