Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

गुरु की कृपा गुरु की करुणा

गुरु की कृपा गुरु की करुणा
सारे जग से निराली है
जहाँ गुरुवर चरण धरे
वो धरती नसीबों वाली है

श्रद्धा भाव से गुरु प्रेम में
भक्त जो मारे गोता है
बिन माँगे सब कुछ वो पाता
उसका मंगल होता है
गुरु ज्ञान के सुरज से फिर
रात न रहती काली है
हम तो जाते भूल उन्हें पर
वो तो पास ही रहते हैं
उनका हृदय है कोमल निर्मल सदा
सदा वो हितकी कहते हैं
हम सबका जीवन इक बगिया
वो बगिया के माली हैं
जीवन की ये राहें मुश्किल

हर पल ये भरमाती है

कभी कहाँ से कभी कहाँ से

विपदाए तो आती है

जब भी डगमग डोले नैया

गुरुवर ने ही संभाली

बिन्दु सिन्धु को क्या जाने

बिन्दु सिन्धु को क्या जाने, राई पर्वत को क्या जाने
अन्धा उजियारा क्या जाने, मूर्ख पोथी क्या पहिचाने
दीपक सूरज को क्या जाने, धरती अम्बर को क्या जाने
कौवा हँस को क्या जाने, रात सुबह को क्या जाने
नास्तिक क्या जाने श्रद्धा को, गूँगा वाणी को क्या जाने
रंक राजा को क्या जाने, चींटी हाथी को क्या जाने
निगुरे गुरु महिमा को क्या जाने, मदिरा अमृत को क्या जाने
मिथ्या सत्य को ना जाने, मूषक सिंह को क्या पहचाने
यौवन मृत्यु को क्या जाने, बहरा शब्द को कैसे जाने
दुर्जन क्या जाने अच्छाई, झूठे क्या समझे सच्चाई
भोगी भक्ति को क्या जाने, पंगु पर्वत को क्या जाने
मोही क्या जाने निर्ममता, भोगी कहाँ से लाये समता
जड़ चेतन को कैसे जाने, कंकर हीरे को क्या जाने

कड़वा क्या जानेगा मधुरता, भैंस क्या समझे कोयल को

तुम्ही मेरे ईश्वर हो

तुम्ही मेरे ईश्वर हो, तुम्ही सर्वेश्वर हो
तुम्ही सब तीर्थ हो, तुम्ही मेरे सब कुछ हो

तेरी ही डगर चलूँ, कभी ना मैं फिसलूँ
तेरे चरणों में रहूँ, मैं सब कुछ हँस के सहूँ
तुम्ही जगदीश्वर हो, तुम्ही परमेश्वर हो
धरा पर आए हो, रूप ये ध्याये हो
आये मंगल करने, सभी के दुख हरने
तुम्ही करतार हो, तुम्ही अवतार हो
तुम्ही से महके हम, ना अब है कोई गम
तुम्ही से है ये दम, ना तेरा प्यार हो कम
तुम्ही तो सार हो, करते उद्धार हो
तुम्ही पर हम ठहरे, तुम्ही सबसे गहरे
ज्ञान तेरा पाते रहें, द्वार तेरे आते रहें
तुम्ही मेरा जीवन हो, तुम्ही मेरी पूजा हो
जिसकी प्रीति तुझमें, हो जाए पार वो पल में
तेरा दर्शन जो पायें, दीवाना वो हो जाये
तुम्ही महादेव हो, मेरे गुरुदेवहो
तेरी लीला अद्भुत, हो तुम ही पावन शुद्ध
तू ही है दीनदयाला, तू ही सबका रखवाला
तुम्ही तो विधाता हो, तू ही सबका रखवाला
तुम्ही तो विधाता हो, मेरे पिता-माता हो
तू ही सबसे प्यारा, तू ही मेरा सहारा

ना बिन तेरे गुजारा, ना बिन कुछ गवाँरा

तुम्ही मेरे नटवर हो, तुम्ही मेरे रघुवर हो

तुम्ही महेश्वर हो, तुम्ही देवेश्वर हो

तेरे फूलों से भी प्यार, तेरे काँटों से भी प्यार



तेरे फूलों से भी प्यार, तेरे काँटों से भी प्यार
जो भी देना चाहें दे दे करतार, दुनिया के तारणहार
उसको काहे कि फिकर, जिसके सर पे तेरा हाथ
रक्षक तू ही तो हमारा, फिर डरने की क्या है बात
चाहे कष्ट हो लाख हजार, या हो खुशियों की बहार
जो भी देना चाहे दे दे करतार - - -
हम से छिन ले तू सब, पर देना भक्ति का दान
बाकी फीके सुख सारे, झूठी है ये तन की शाम
तुम ही जीवन के आधार, सबके तुम ही सृजनहार
जो भी देना चाहे दे दे करतार - - -
चाहे तन से दूर रहते, पर रहते हो मन के पास
कोई साथ ना निभाता, तुम बिन दूजी न कोई आस
तुम ही सबके जाननहार, तुम सुनते हो सबकी पुकार
जो भी देना चाहे दे दे करतार - - -
हम पे कृपा ये करना, तुमसे बनी रहे ये प्रीति
सच्ची श्रद्धा ना डोले, चाहे सब होवे विपरीत
तेरा हितकारी है प्यार, तुम ही हो जीवन का सार
जो भी देना चाहे दे दे करतार - - -

तेरी मर्जी (इच्छा) में विधाता, कोई छिपा बड़ा है राज
दुनियाँ चाहे हमसे रूठे, तू ना होना बस नाराज
तुम को नमन है बारम्बार, हमको कर ले तू स्वीकार
जो भी देना चाहे दे दे करतार - - -

चाहे रात अंधियारी, या हो रोशन ये प्रभात
वो ना बाधाओं से हारे, तेरा नाम है जिसके साथ
चाहे बिगड़ी को तू सँवार, चाहे डूबा हमें मझधार
जो भी देना चाहे दे दे करतार - - -

तू ही व्यापक है सबमें, तेरा कण-कण में है वास
तेरी भक्ति से मिटती, सबकी जन्म जन्म की प्यास
तेरा कितना है आभार, तेरी करुणा है ये अपार
चाहे सावन की बौछार, या हो मरुभूमि का थार
जो भी देना चाहे दे दे करतार - - -