क्या कहूँ कौनसी दौलत हैं गुरू
मेरा जीवन मेरी दुनिया मेरी जन्नत हैं गुरू
क्या कहूँ कौन...
बनाया इसीने जीवन सारा
रोम रोम में इनका ही साया
साया ही नहीं काया हैं मेरी
उपकार हैं इनका श्वासों पर
मेरी पूजा मेरी बरकत हैं गुरू
मेरा जीवन मेरी दुनिया मेरी जन्नत हैं गुरू
क्या कहूँ कौनसी दौलत हैं गुरू...
हम सबको एक प्यार से सींचा
कोई न ऊँचा कोई न नीचा
छाया ही भली महिमा ही भरी
करें प्रेम शमा संग परवाना
जन्मों जन्मों की इबादत हैं गुरू
मेरा जीवन मेरी पूजा मेरी जन्नत हैं गुरू
क्या कहूँ कौनसी दौलत हैं गुरू...
अंक में सारी सृष्टि समेटी
सुख-दुःख को सम कर के देखी
आँचल के तले जीवन ये पले
वो नर क्या वो तो नारायण
सबको शिव करने की ताकत हैं गुरू
मेरा जीवन मेरी दुनिया...
जन्मों जन्मों की इबादत हैं गुरू
मेरा जीवन मेरी पूजा मेरी जन्नत हैं गुरू
मेरी पूजा मेरी बरकत हैं गुरू
मेरा जीवन मेरी दुनिया...
क्या कहूँ कौनसी दौलत हैं गुरू
मेरा जीवन मेरी दुनिया मेरी जन्नत हैं गुरू
सबको शिव करने की ताकत हैं गुरू
मेरा जीवन मेरी दुनिया मेरी जन्नत हैं गुरू
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