आरती सद्गुरु प्यारे की
भक्तजन तारणहारे की
छटा सद्गृरु की मनमोहे
नयन अमृतवर्षी सोहे
ललित अति भाल मस्त हैं चाल
कष्ट सब तारणहारे की
आरती सद्गुरु प्यारे की...
शीश पर गुरुआज्ञा राखी
पढ़ी चरणों में बैठ साखी
मिली गुरूकृपा मिटी सब व्यथा
हमारे सदगुरू प्यारे की
आरती सद्गुरु प्यारे की...
किया तप ब्रह्मज्ञान पाया
दूर भागी सारी माया
बाँटते ज्ञान मिटे अज्ञान
तत्व दर्शावनवारे की
आरती सद्गुरु प्यारे की...
दृष्टि से शक्तिपात करते
सभी चिंता व दुःख हरते
देते शांति धवल कांति
मंगीबा राजदुलारे की
आरती सद्गुरु प्यारे की...
मोहमाया में जो सोते
खा रहे भव में जो गोते
करें भवपार दे सबको तार
कृपा बरसावनवारे की
आरती सद्गुरु प्यारे की...
सब जगह फिरते रहते आप
मिटाते सबका दुःख संताप
प्रगट भगवान निराली शान
के सबकी आँखों के तारे की
आरती सद्गुरु प्यारे की...
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