मुझे सद्गुरु जी वो दिल दो
कि जिसमें प्यार तेरा हो
जुबाँ वो दो जो करती हर समय
गुणगान तेरा हो
मुझे सद्गुरु जी वो दिल दो...
मुझे वो दीजिए आँखे जिन्हें हो
प्यास दर्शन की
कि कण-कण में सतगुरू
केवल दीदार तेरा हो
मुझे सद्गुरु जी वो दिल दो...
मुझे देना सदा संगत तो देना
अपने प्यारों की
कि जिनको हर समय विश्वास और
ऐतबार तेरा हो
मुझे सद्गुरु जी वो दिल दो...
मेरा साथी जमाने में बनाना
उनको ऐ सतगुरू
दया हो जिसके दिल में
और सेवादार तेरा हो
मुझे सद्गुरु जी वो दिल दो...
इन आँखों में लगाता ही फिरूँ मैं
चरणरज तेरी
भगत निष्काम जो करता
सदा प्रचार तेरा हो
मुझे सद्गुरु जी वो दिल दो...
ये सेवक काँट ही लेगा खुशीसे
जिंदगी के दिन
मेरे सिर पर दया का हाथ
जब दातार तेरा हो
मुझे सद्गुरु जी वो दिल दो...
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