प्यारी हमारी गुरुपादुका
ज्योत जगानेवाली है
इन चरणों की बडी मिहमा है
इनकी शान निराली है
प्यारी हमारी गुरुपादुका...
इन चरणों में निष्ठा करके
महाखजाना पाया है
भरत लखन हनुमत जीवन ने
यही संदेश सुनाया है
प्यारी हमारी गुरुपादुका...
वेद भी मिहमा गा न सके
पूरा सद्गुरु चरणों की
सरस्वती भी लिख न सके है
ऐसी छटा इन चरणों की
प्यारी हमारी गुरुपादुका...
शिक्त, भिक्त मिक्त देते हैं
गुरुवर के चरणकमल
भवसागर से पार कराते हैं
ये पावन चरण कमल
प्यारी हमारी गुरुपादुका...
श्रीविसष्ठ को दशरथ नंदन राम ने
गुरु बनाया था
ऋिष सांदीपिन के चरणों में
कृष्ण ने खुद को चढाया था
प्यारी हमारी गुरुपादुका...
ब्रह्मा, विष्णु, सदािशव ये सब
गुरुतत्त्व के रूप हैं
इसिलए तो गुरुचरणों की मिहमा
अमित अनूप है
प्यारी हमारी गुरुपादुका...
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