मेरी बाह पकड़ लो एक बार
एक बार प्रभु एक बार
यह जग अति गहरा सागर हैं
सिर धरि पाप की गागर हैं
कुछ हल्का कर दो भार
प्रभु एक बार...
एक जाल बिछा मोहमाया का
एक धोखा कंचन काया का
मेरा कर दो मुक्त विचार
प्रभु एक बार...
हैं कठिन डगर मुश्किल चलना
बलहीन को बल दे दो अपना
कर जाऊँ भवभय पार
प्रभु एक बार...
मैं हार गया अपने बल से
निर्दोष बचाओ जग छल से
सौ बार नहीं एक बार
प्रभु एक बार...
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