गुणों की खान धरा पे वरदान
हे तुलसी माता तुम्हें प्रणाम
गुणों की खान हो धरा पे वरदान हो
हे तुलसी माता तुम्हें प्रणाम
जय जय जय तुलसी माता ...
कुदरत का मानवता को सबसे बड़ा उपहार हैं
दिव्य गुणों से पूर्ण करती सबका उपकार हैं
आज तेज अरोग्यदायिनि वृंदावनी
विनती हैं हमारी , नित करें तुम्हारी वंदना
हे कृष्णजीवनी
घर घर जाकर के तेरा गुणगान करेंगे
वृंदा अभियान करेंगें, वृंदा अभियान करेंगें, वृंदा अभियान करेंगें
साधारण वृक्ष नहीं तुम एक वरदान हो
दुःख चिंता सब नष्ट हो जाए रहती जिस द्वार हो
दुष्ट शक्तियों की नाशक हे पुष्पसारा
विपदा को भगाए कष्टों को मिटाए ये तेज तुम्हारा
माँ तुलसी
हर एक क्यारी को तेरी खुशबू से भरेंगे
वृंदा अभियान करेंगें
जय जय जय तुलसी माता ...
हे तुलसी माता तेरी महिमा अपार हैं
तुझमें समाया सब रोगों का उपचार हैं
यमदंड से भी बचाए हे नंदिनी
दर्शन से तुम्हारे मिटे पाप सारे
वंदन हे विष्वपावनी
संस्कृति की हो रक्षा ये आवाहन करेंगे
वृंदा अभियान करेंगें, वृंदा अभियान करेंगें, वृंदा अभियान करेंगें
जय जय जय तुलसी माता ...
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