एक बार आ जाओ गुरुदेव आ जाओ
अँखियाँ हैं दर्शन की प्यासी अब ना तरसाओ
एक बार आ जाओ....
शाम सलोनी सूरत तेरी लागे प्यारी प्यारी
नजर किसीकी लगें नहीं मैं जाऊँ तुझपे वारी
कबसे राह निहारूँ गुरूवर अब ना देर लगाओ
एक बार आ जाओ....
दिल में दर्द जुदाई का हाय किसको जाके दिखाऊँ
मैं हूँ अधम अधीन गुरूवर कैसे दर्शन पाऊँ
आया शरण तुम्हारी गुरूवर अब तो गले लगाओ
एक बार आ जाओ....
जैसा भी हूँ तेरा हूँ मैं मुझको ना ठुकराना
तेरे दर से खाली गया तो गुरूवर क्या कहेगा जमाना
अब क्या लिखूँ मैं आगे गुरूवर तुम ही समझ ये जाओ
एक बार आ जाओ....
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