Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

Search This Blog

संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

भला हो तेरा नींद से हमें जगाने वाले

 मातृ-पितृ पूजन की राह दिखाने वाले

भला हो तेरा नींद से हमें जगाने वाले


कलियुग में सतयुग को मोड़ के लानेवाले

भला हो तेरा नींद से हमें जगानेवाले


संयम शिक्षा का ज्ञान देके चमकाने वाले

रोग-शोक-भय मुक्त समाज बनाने वाले

घर-घर पावन प्रेम की सरिता बहाने वाले

भला हो तेरा सच्ची राह दिखाने वाले

जन-जन के जीवन में प्रभुरस लाने वाले

मातृ-पितृ पूजन की राह दिखाने वाले

भला हो तेरा ,भला हो तेरा 

भला हो तेरा सच्ची राह दिखाने वाले


टूटे बिखरे परिवारों को मिलाने वाले

करके अथक प्रयास धरा महकाने वाले

मात-पिता का खोया मान दिलाने वाले

भला हो तेरा सत्य का मार्ग बताने वाले

पूजन से बच्चों का ह्रदय खिलाने वाले

मातृ-पितृ पूजन की राह दिखाने वाले

भला हो तेरा ,भला हो तेरा 

भला हो तेरा ज्ञान की गंगा बहाने वाले

Audio



गुरु की सेवा साधु जाने

गुरु की सेवा साधु जाने, गुरुसेवा कहाँ मूढ पिछानै।


गुरुसेवा सबहुन पर भारी, समझ करो सोई नरनारी।।


गुरुसेवा सों विघ्न विनाशे, दुर्मति भाजै पातक नाशै।


गुरुसेवा चौरासी छूटै, आवागमन का डोरा टूटै।।


गुरुसेवा यम दंड न लागै, ममता मरै भक्ति में जागे।


गुरुसेवा सूं प्रेम प्रकाशे, उनमत होय मिटै जग आशै।।


गुरुसेवा परमातम दरशै, त्रैगुण तजि चौथा पद परशै।


श्री शुकदेव बतायो भेदा, चरनदास कर गुरु की सेवा।।

Audio


जिन्ह सद्गुरु मिल जाए

 जिन्ह सद्गुरु मिल जाए

तिन भगवान मिलो न मिलो


 जिन्ह सद्गुरु की सेवा कियो

तिन तीरथ व्रत कियो न कियो


जिन्ह सद्गुरु को प्यार कियो

तिन प्रभु को प्यार कियो न कियो


जिन्ह आत्मदेव को जान लियो

तिन वेदों को जान लियो न लियो


जिन्ह आत्मज्ञान में स्नान कियो

तिन गंगा में स्नान कियो न कियो


जिन्ह खुद ही खुद को जान लियो

तिन खुदा को जान लियो न लियो


जिन्ह सद्गुरु मिल जाए

तिन भगवान मिलो न मिलो

Audio

जय गणेश देवा आरती

 जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

बुद्धि के देवता विघ्नों के हर्ता


संयम तुम्हारा देवा सबसे हैं ऊँचा

धीर हो गंभीर देवा तुमसा न दूजा

मातृ-पितृ भक्ति देना गुरू प्रीति देना

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा


जय गुरुदेवा जय गुरुदेवा 

ब्रम्हा और विष्णु तुम्ही महादेवा


शक्ति भक्ति मुक्ति गुरू ज्ञान के प्रदाता

सद्गुण निखारे गुरू आनंद के दाता

दोषों को मिटाना गुरू-श्रद्धा बढाना

जय गुरुदेवा जय गुरुदेवा

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा


योग ध्यान नित्य करें स्वस्थ रहे काया

हरि ॐ जपते रहे दिव्य बने आभा

ब्रम्हज्ञान हमको मिले और गुरूसेवा

जय गुरूदेवा जय गुरूदेवा

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा


संस्कृति की रक्षा करें ऐसा वर देना

संतो की महिमा हमें सबको बताना

विश्व गुरू भारत हो बापू ने ठाना

आएगा बापू के बच्चों का जमाना

जय गुरूदेवा जय गुरूदेवा

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा

Audio

तेरे तन मन धन की तपस्या

 ऐ मेरे सद्गुरु प्यारे

तेरा जन्म है कैसा रूहानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


जब हम बैठे थे सुखों में

तू सुखा रहा था तन को

जब हम बैठे थे घरों में

तू भुला रहा था मन को

जग में रहकर सब भूला

न भोजन चाहा न पानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


गुरू दर पर सेवा थे करते

हाथों से खून था बहता

पर गुरू सेवा में तत्पर

इस देह का भान था भुलता

संकल्प यही बस दृढ़ था 

गुरू आज्ञा प्रथम निभानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


गुरूदेव के प्रेम की खातिर

हर दिन सहते थे तितिक्षा

दिन रैन वो ज्वाला से थे

हर पल थी अग्नि परीक्षा

हर मूल्य पे लक्ष्य को पाना

ये बात थी मन में ठानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


नगरसेठ कहलाने वाला 

गुरुदर पे मरता मिटता

तेरी मर्जी पूरण हो

ये ध्यान हृदय में धरता

बस निराकार ने थामा

न होने दी कुछ हानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


वो कैसी रातें होंगी

प्रभुप्रेम में तू जब रोया

दुनिया थी नींद में सोती

तू अपने आप में खोया

अति दिव्य हैं और अलौकिक

तेरी महिमा न जाए बखानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


माँ का आँचल बिसराया

पत्नी का प्रेम ठुकराया

किन किन राहों पे चलके

इस ब्रह्मज्ञान को पाया

फिर आत्म में ही रहा तू

चालीस दिन की वो निशानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


था आसोज सुद दो दिन

और संवत बीस इक्कीस

मध्यान्ह ढाई बजे 

मिल गया ईश से ईश

पानी में मिल गया पानी

फिर दोनों हो गए फानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


ये रोशनी कैसी हैं फूटी

जग गई हैं सारी धरती

अंबर भी प्रकाश से फूटा

नस-नस में ज्योति भर दी

सब जड़ और चेतन जागा

लगे संत की बात फैलानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


गुरू सत्य का रस पिलाया

तन मन हृदय में समाया

हर नस-नस में पहुँचा वो

हर रूह को ॐ जपाया

वो रस मे ऐ मेरे सद्गुरु प्यारे

तेरा जन्म है कैसा रूहानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


हर तरफ हैं आत्म दर्शन

हर तरफ हैं नूर नूरानी

हर तरफ हैं तेरा उजाला

हर तरफ हैं तू ब्रह्मज्ञानी

सदियों तक जो गूँजेगी

हैं आज की तेरी कहानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


दरिद्र नारायण की सेवा करते

हैं अपना आपा लुटाया

गली -गली गाँव में जाकर

सबको ही सुख पहुँचाया

हैं विश्व शिखर पर चमका

भारत का रत्न नूरानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


हम ना भूलें उस तप को

कैसे तूने गुरू को रिझाया

किन-किन राहों पे चलके

इस ब्रह्मज्ञान को पाया

जन्मों की तपन मिटाए

ये ब्रह्म को छूती वाणी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


इन कठिन पलों में भी तू

किस शान से हैं मुस्काया

जग को सत राह दिखाई

कष्टों में तन को तपाया

रो-रो इतिहास कहेगा

दी तूने जो कुर्बानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


सारी सृष्टि को उखाड़े

जब गुरू शेर हैं दहाड़े

इतना कुछ होने पर भी

ना जाने मौन क्यों धारे

दुनिया ने इतना सताया

फिर भी मुस्काए ज्ञानी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


संस्कृति के रक्षक को ही

दुनिया ने जेल पहुँचाया

झूठे इल्जाम लगाकर

देखो संत को कैसे सताया

सूरज को कौन ढँकेगा

वो स्वयं प्रकाश का स्वामी

तेरे तन मन धन की तपस्या

तेरे जीवन की कुर्बानी


ऐ मेरे सद्गुरु प्यारे

तू दे रहा कैसा इशारा

जैसा तू ब्रह्म में स्थित हैं

वैसा हो बोध हमारा...

Audio

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी

 ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी 

परम गुरु और परमपिता परम दयालु स्वामी


सन १९४१ में आसूमल अवतारे

महँगीबा और थाऊमल के प्यारे बाल दुलारे

शुरू हो गई इस कलियुग में नए युग की कहानी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...


बाल्यकाल से ही बापू में अद्भुत तेज समाया था

प्राणीमात्र के कारण हेतू योगी पुरूष एक आया था

स्थापित होने वाली थी ये संतों की भविष्यवाणी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...


मोहमाया के सभी आवरण बापू ने उतारे हैं

सदैव सम और प्रसन्न रहना बापू के ही नारे हैं

साधना की अनुपम मस्ती बापू ने पहचानी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...


परम पूज्य लीलाशाहजी के श्रीचरणों की सेवा में

आत्मसाक्षात्कार हो गया नाम आ गया देवों में

भारत विश्वगुरु बन जाए बापू ने ये ठानी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...


साबरमती के तट बापू ने भक्तों से श्रमदान लिया

संत श्री आशारामजी आश्रम आगे चल के नाम हुआ

बापू के यश की गाथा को कैसे कहे जुबानी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...

Audio

सबकुछ पा लिया गुरू के द्वार से

 सबकुछ पा लिया गुरू के द्वार से

सर को झुका लिया गुरू के द्वार पे



बीच भँवर में मेरी नैय्या न छोड़ना

तन से हो जितनी दूरी मन से न करना

जिंदगानी हो दाता तेरे ही नाम की

सबकुछ पा लिया तेरे दीदार से

सबकुछ पा लिया गुरू के द्वार से...


भक्ति का दान देना श्रद्धा अपार देना

ये दुनिया भूल भुलैय्या मुझको उबार लेना

फँस न जाए हम इस मजधार में

सबकुछ पा लिया गुरू के द्वार से...


दर तेरा पाया जिसने भाग्य बनाया

उजड़े चमन को तूने फिर से खिलाया

ये अँखियाँ तरस गई तेरे इंतजार में

सबकुछ पा लिया गुरू के द्वार से

Audio

ऐ जीवन प्राण हमारे

 ऐ जीवन प्राण हमारे 

बापू हम सबके प्यारे

हम सबके पास अब आओ

हर साधक तुम्हें पुकारें


हम रहते आस लगाए

बापू जल्दी आएँगे

अपने सद्गुरु का दर्शन

अति निकट से हम पाएँगे

पर समय बीतता जाता

हम किसके रहे सहारे

हम सबके पास अब आओ

हर साधक तुम्हें पुकारें

ऐ जीवन प्राण हमारे ...


हम सब बालक हैं तेरे

तुम हम सबके स्वामी हो

हम सबकी वेदना समझो

तुम तो अन्तर्यामी हो

निरुपाय यहाँ हैं सारे

अब आप ही संकट तारे

हम सबके पास अब आओ

हर साधक तुम्हें पुकारें

ऐ जीवन प्राण हमारे ...


हैं निजानंद में रमते

शाश्वत चैतन्य को पाया

निर्लेप आप हैं सबसे

हैं अद्भुत आपकी माया

लीला विस्तार समेटो

हैं परेशान हम सारे

हम सबके पास अब आओ

हर साधक तुम्हें पुकारें

ऐ जीवन प्राण हमारे ...


सूझता मार्ग ना कोई

क्या करें समझ न आता

अब जल्दी दर्शन दे दो

मन सबका तुम्हें बुलाता

आँसुओं की धारा से हम

सद्गुरु के चरण पखारे

हम सबके पास अब आओ

हर साधक तुम्हें पुकारें

ऐ जीवन प्राण हमारे ...

Audio

विनती सुनिए नाथ हमारी

 विनती सुनिए नाथ हमारी 

ह्रदयेश्वर हरि हृदय विहारी

मोर मुकुट पीताम्बरधारी

विनती सुनिए नाथ हमारी ...


जनम जनम की लगी लगन है

साक्षी तारों भरा गगन हैं

गिन गिन श्वास श्वास कहती हैं

विनती सुनिए नाथ हमारी ...


सतत प्रतीक्षा अपलक लोचन

हैं भव बाधा विपत्ति विमोचन

स्वागत का अधिकार दीजिए

शरणागत हैं नयन पुजारी

विनती सुनिए नाथ हमारी ...


और कहूँ क्या अंतर्यामी

तन मन धन प्राणों के स्वामी

करुणा कर आकर ये कहिए

स्वीकारी बिनती स्वीकारी

विनती सुनिए नाथ हमारी ...

Audio 


तू बंदे क्या जाने

 तू बंदे क्या जाने बापू के चमत्कारों को

बापू के चमत्कारों को गुरुवर चमत्कारों को


वो हरे करे सुखों को मेवा बाँटे भूखों को

वो भक्ति का रंग लगाएँ ब्रह्मज्ञान का पान कराए

उस भक्ति को,उस शक्ति को कोई सुलझी आँख पहचाने

तू बंदे क्या जाने...



गर जीवन सागर तरना तूफानों से क्या डरना

गुरुवर की रजा में जीना गुरुवर की रजा में मरना

तू सुमिरन कर और जीवन भर माने जा उसके कहने

तू  बंदे क्या जाने...


ये सुख दुःख ऐसे गहने जो हर एक के संग रहने

ये दर्द जुदाईयोँ वाले सह ले जो पड़ गए सहने

बदलेगा समा तू जप ले नाम आएँगे खुद से मिलाने 

तू बंदे क्या जाने...


तू जो कर्म कमावै समझे कोई देख न पावै

बापू के नैन हजारों उसे सबकुछ नजर हैं आवै

जो गुरू कहे वो सेवा करें वो भक्त स्वरूप में जागे

बापू के चमत्कारों को

तू बंदे क्या जाने...

Audio

गुरुदेव तुमको पाकर

 गुरुदेव तुमको पाकर धन्य धन्य हुआ ये जीवन

तुम्हरी कृपा को पाकर मंगल हुआ ये जीवन


बड़े भाग हमने पाए अवतरण हुआ जो जग में

अंधकारमय था जग यह कही आशा न थी दिल में

कोटि पुकार सुनकर बापू पधारे जग में

गुरुदेव तुमको पाकर...


कलियुग के विकट समय में दुष्कर हुआ था जीवन

छाई हुई उदासी हर ओर खड़ी उलझन

नई आशा की किरण बन अवतरण लिया धरा पर

गुरुदेव तुमको पाकर...


करुणा के तुम हो सागर भर भर पिलाते गागर

कोई कैसा भी पतित हो उसे थाम लेते गुरुवर

कईं बार जो पधारे दिया भक्ति ज्ञान गुरुवर

गुरुदेव तुमको पाकर...

Audio


चंदन का ‌पलना रेशम की डोर

 चंदन का ‌पलना रेशम की डोर

झूले रे झूले मेरा महंगिबा किशोर ...

नन्हे नन्हे पग हैं छोटे छोटे हाथ
माथे पे टीका महंगिबा का साथ
बडा नटखट हैं बडा चितचोर
झूले रे झूले मेरा महंगिबा किशोर ...

शुभ दिन आया खुशियाँ लाया
सब भक्तों ने मंगल बनाया
हर तरफ हैं खुशियाँ हर तरफ हैं शोर
झूले रे झूले मेरा महंगिबा किशोर ...

महंगिबा के घर हैं आनंद छाया
थाऊमल के द्वारे लाल हैं जाया
बधाई हो बधाई हो लख लख बधाई हो
बापूजी के जन्म की लख लख बधाई हो
बधाई हो बधाई हो लख लख बधाई हो ...
Audio

मेरे बापू

योगी तेरा ही ध्यान धरे ,करे भक्त पूजा उपवास
निराकार परब्रह्म वो बापू बनकर करे विलास
सपना जगत हैं एक आभास , आश्रम हो या कारावास
जब जब बापू तुम्हे पुकारा तुमको पाया अपने पास
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...



दर्शन को तेरे ये तरसे, दो नैना दिन रात हैं बरसे
तूने ही सेवा की हमारी समझ गया अब जागा भ्रम से
मैं बालक तू मेरा पिता , तेरे वचन ही शास्र गीता
वही समय बस सफल हुआ जो तेरी यादों में हैं बीता
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...



जानता हूँ ये राज की बात तू हैं मेरे हरदम साथ
क्यों करूँ मैं चिंता कल की जब हैं सर पर तेरा हाथ
सारे देव और तीरथ धाम करते बापू तुम्हें प्रणाम
जिसमें तेरी रजा न हो हम करें कभी न ऐसे काम
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...



तपते दिल को मिले सावन, गुरु द्वार हैं ऐसा अति पावन
जी चाहे देखा ही करूँ, गुरू मूरत इतनी मनभावन
गाऊँ क्या तेरा गुणगान , बापू तू मेरा अभिमान
तेरे चरणों में ही रहना जबतक मेरे तन में प्राण
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...



योगी तेरा ही ध्यान धरे ,करे भक्त पूजा उपवास
निराकार परब्रह्म वो बापू बनकर करे विलास
सपना जगत हैं एक आभास , आश्रम हो या कारावास
जब जब बापू तुम्हे पुकारा तुमको पाया अपने पास
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...

Audio

भरोसा मेरा नहीं हारेगा

गुरू मेरे ,गुरू मेरे, दाता मेरे, साँई मेरे

भरोसा मेरा नहीं हारेगा हैं भरोसा मुझे
गुरू मेरे, गुरू मेरे...

अपनों का बदल जाना दुनिया का हैं दस्तूर
अपनों को निभाने में मेरा गुरू बडा मशहूर
गुरू मेरे, गुरू मेरे, दाता मेरे, साँई मेरे
मेरा भी जीवन तू सँवारेगा हैं भरोसा मुझे
गुरू मेरे, गुरू मेरे...

इतिहास गवाह हैं ये जब जिसने पुकारा हैं
जीता हैं भरोसा ही जब गुरू सहारा हैं
गुरू मेरे, गुरू मेरे, दाता मेरे, साँई मेरे
मेरा भी जीवन तू सँवारेगा हैं भरोसा मुझे
मेरा भी गुलशन तू निखारेगा हैं भरोसा मुझे
गुरू मेरे, गुरू मेरे...

जो कुछ था पास मेरे सब अर्पण कर डाला
अब हाथ उठा करके समर्पण कर डाला
गुरू मेरे, गुरू मेरे, दाता मेरे, साँई मेरे
मेरा भी जीवन तू सँवारेगा हैं भरोसा मुझे
गुरू मेरे, गुरू मेरे...

अपनों का बदल जाना दुनिया का हैं दस्तूर
अपनों को निभाने में मेरा गुरू बडा मशहूर
मुझे भी अपना तू बनाएगा हैं भरोसा मुझे
गुरू मेरे ,गुरू मेरे ,दाता मेरे ,साँई मेरे
भरोसा मेरा नहीं हारेगा हैं भरोसा मुझे
मेरा भी जीवन तू सँवारेगा हैं भरोसा मुझे
गुरू मेरे, गुरू मेरे...

गुरुदेव तुम्हारे चरणों में

गुरुदेव तुम्हारे चरणों में वैकुंठ का वास लगे मुझको

अब तो तेरे ही रूप में बस रब का एहसास लगे मुझको

अमृत चरणों का देके मुझे पापी से पावन कर डाला
मेरे सिर पर हाथ फिरा कर के मुझे अपने ही रंग डाला
इस जीवन की बिल्कुल ही न थी जैसे शुरूआत लगे मुझको
गुरुदेव तुम्हारे चरणों में...

मैं किस पे भला अभिमान करूँ ये हाड मास की काया हैं
सोना चाँदी हीरे मोती बस चार दिनों की माया हैं
गुरुदेव ने ऐसा ज्ञान दिया दुनिया वनवास लगे मुझको
गुरुदेव तुम्हारे चरणों में...

मैंने नाम गुरू का लिख डाला हर साँस पे हर एक धड़कन पे
केवल अधिकार गुरू का हैं अब तो बच्चों के जीवन पे
गुरुदेव बिना कुछ भाता नहीं ऐसा आभास लगे मुझको
गुरुदेव तुम्हारे चरणों में...

स्वागतम गुरुदेव शरणागतम गुरुदेव...
हरि हरि हरि ॐ ....

फरयाद मेरी सुनके

फरयाद मेरी सुनके गुरूदेव चले आना

नित ध्यान धरू तेरा तुम दरश दिखा जाना

तुम्हे अपना समझकर के फरयाद सुनाता हुँ
तेरे दर पे आकर के नित शीश झुकाता हुँ
क्यो भूल गए गुरूवर मुझे समझ के बेगाना
फरयाद मेरी सुनके...

मेरी नाव भँवर डोले बापू तुम ही खेवैया हो
मेरी जीवन नैया के तुम कृष्ण कन्हैया हो
तुम  सूक्ष्म रूप धर के भव पार लगा जाना
फरयाद मेरी सुनके...
हरि ओम हरि ओम हरि ओम ...

गुरुदेव तुम्हारे बिन

गुरुदेव तुम्हारे बिन अब काैन हमारा है

स्वार्थ की ये दुनिया है बस तेरा सहारा है


गुरुदेव मेरी नैया मजधार में ना अटके
चरणों में जगह दे दो मिल जाये किनारा है
गुरुदेव तुम्हारे बिन ....

कभी आके हँसातेे हो कभी जाके रुलाते हो
भक्तों के लिए भगवन ये खेल तुम्हारा है
गुरुदेव तुम्हारे बिन ....

तुम हो समरथ दाता मेरे भाग्यविधाता हो
भक्तों के लिए भगवन दरबार तुम्हारा है
गुरुदेव तुम्हारे बिन ....

जिसे खुद के सुखों की कोई चाह नही

 जिसे खुद के सुखों की कोई चाह नही

मेरे जीवन बिन जिसकी कोई राह नही।।धृ।।

वार दे मुझपे दुनिया का प्यार वो

मेरे माता पिता सम प्यार नही

जिसे खुद के सुखों की कोई चाह नही


सुख का दरिया प्यार का सागर

मेरी माँ है ममता की गागर 

सीने से लगाकर दूध है पिलाया

लोरी गाकर है सुलाया

थक हार जाए घर के काम मे

फरियाद ना रखती होठों पर

जिसे खुद के सुखों की परवाह नही

घर की डोरी बंधी है मेरी माँ से ही

वार दे मुझपे दुनिया का प्यार वो

मेरे माता पिता सम प्यार नही


हिंमत देते राह दिखाते 

हारी बाजी पिता है जिताते

गम से भरी हुई अंधेरी रातों मे

आशा की लौ जगाते

रखते वो मन में ही वेदना और

आँखों से प्रेम छलकाते

जिसे खुद के सपनों का ख्याल नही

दिया सबकुछ है फिर भी अभिमान नही

वार दे मुझपे दुनिया का प्यार वो

मेरे माता पिता सम प्यार नही


मात पिता की महिमा बताए

भूले भटके को राह दिखाए

गुरु है सहारा सच्चा इस दुनिया में 

भव दुःख से पार लगाए

ईश्वर दिखे जिसके ज्ञान से

गुरु आत्म तत्व में जगाए

गुरु के चरणों के बिन उद्धार नही 

गुरु महिमा का कोई पार नही

वार दे मुझपे दुनिया का प्यार वो

गुरु माता पिता सम प्यार नही

जिसे खुद के सुखों की कोई चाह नही...

Audio

मात पिता है देव मेरे

 मात पिता है देव मेरे और 

गुरु मेरे भगवान है

भूल न जाना हे मानव तू

ईश्वर की संतान है

मातृ पितृ देवो भव


चलते चलते रुक ना जाना

तेरा है यह काम नही

आदर्शों को भूल गया तो

तुमसा ना नादान कहीं

सदाचार की गंगा बहती

ऐसा हिंदुस्तान हैं

भूल न जाना हे मानव तू

ईश्वर की संतान है

मातृ पितृ देवो भव


श्रवण की मातृ भक्ति को देखो

ऐसी वो मशाल है

मिट ना सकता जल ना सकता

ऐसा बेमिसाल है

अच्छी सीख लेना ही प्यारे

जीवन बने महान है

भूल न जाना हे मानव तू

ईश्वर की संतान है

मातृ पितृ देवो भव


माँ की ममता का छाया है

गुरुवर के ही प्यार में

बचा लिया है मेरी नाव को

बीच भँवर मझधार से

हम तो बापूजी के बच्चे

हमको तो अभिमान हैं

भूल न जाना हे मानव तू

ईश्वर की संतान है

मातृ पितृ देवो भव


पूजन करूंँ मैं माता पिता का

 पूजन करूंँ मैं माता पिता का

निज संस्कृति अपनाऊ मैं

गुरुवर के संकेत वे चलकर 

जीवन सफल बनाऊँ मैं


तिलक लगाऊँ हार पहनाऊँ

मेरी प्यारी मैया को 

दीप जलाऊँ पुष्प चढाऊँ

वंदन करता हूँ उनको

भारत पुण्य धरा की महिमा 

निज आदर्श बनाऊँ मैं 

पूजन करूंँ मैं माता पिता का...


शीश झुकाऊँ फेरे लगाऊँ

आपका आशिष पाऊँ मैं

तन मन अर्पित जीवन मेरा

चरणों मैं ही लगाऊँ मैं

कर्ज है मुझपर मात पिता का

कैसे उसे चुकाऊँ मैं 

पूजन करूंँ मैं माता पिता का...


जिस माँ ने हमें नाै मास तक

गर्भ में बहुत संभाला है

जीवन के ‌सुख दुःख सहकर भी

कैसै हमको पाला है

मात पिता गुरु चरणों में ही

मेरे चारों धाम हैं 

पूजन करूंँ मैं माता पिता का...


गीले मे खुद सोकर मुझको

सूखे मे ही सुलाया है

भूखे रहकर उसने मुझको

अपना कौर खिलाया है 

उस माँ का ऋण कैसै चुकाऊँ

माँ ममता की खान है

पूजन करूंँ मैं माता पिता का...


जीवन में सबकुछ मिल जाएँ 

मात पिता ना मिलते है

मात पिता गुरु की सेवा से

किस्मत रेखा बदले है

उनकी आज्ञा में चलना ही 

मेरा सच्चा धर्म हैं

पूजन करूंँ मैं माता पिता काAudio...


बापू ने लीलाशाह जी की 

सेवा कर यह पद पाया

ब्रह्मज्ञान को हँसते गाते

हम सबको है सिखलाया

लाखों मिलते मात पिता दिल

तब सदगुरु दिल बनता हैं

पूजन करूंँ मैं माता पिता का...

Audio

ॐ जय जय माता पिता

 ॐ जय जय मात पिता 

प्रभु गुरूजी मात पिता

सद्भाव देख तुम्हारा 

मस्तक झुक जाता

ॐ जय जय माता पिता 


कितने कष्ट उठाए

हमको जनम दिया

मैय्या पाला बड़ा किया

सुख देती दुःख सहती

पालनहारी माँ

ॐ जय जय माता पिता 


अनुशासित कर आपने

उन्नत हमें किया

पिता आपने जो हैं दिया

कैसे ऋण मैं चुकाऊँ

कुछ न समझ आता

ॐ जय जय माता पिता 


सर्वतीर्थमयी माता

सर्वदेवमय पिता

ॐ सर्वदेवमय पिता

जो कोई इनको पूजें

पूजित हो जाता

ॐ जय जय माता पिता 


मात पिता की पूजा

गणेशजी ने भी की

श्री गणेशजी ने भी की

सर्व प्रथम गणपति को

ही पूजा जाता

ॐ जय जय माता पिता


बलिहारी सद्गुरु की

मारग दिखा दिया

सच्चा मारग दिखा दिया

मातृ पितृ पूजन कर

जग जय जय गाता

ॐ जय जय माता पिता


मातृ पितृ गुरू की

आरती जो गाता

है प्रेम सहित गाता

वो संयमी हो जाता

सदाचारी हो जाता

भव से तर जाता

ॐ जय जय माता पिता


लफंगे लफ़ंगियों की नकल छोड़

गुरूसा संयमी होता

गणेशजी सा संयमी होता

स्वयं आत्मसुख पाता

औरों को पवाता

ॐ जय जय माता पिता


ॐ जय जय माता पिता 

प्रभु गुरूजी माता पिता

सद्भाव देख तुम्हारा 

मस्तक झुक जाता

ॐ जय जय माता पिता

सतगुरू तुम्हारी यादें

 सतगुरु तुम्हारी यादें पल पल रुला रहीं हैं

कब आओगे ये अँखियाँ आँसू बहा रहीं हैं

चिट्ठी न कुछ संदेशा पैगाम कुछ न तेरा
वीरान हो गए हम तड़प रहा मोटेरा

मंजिल नही कोई अब हमें नज़र आ रही है
कब आओगे ये अँखियाँ आँसू बहा रहीं हैं

खो गयी हँसी हमारी छिन गए सभी उजाले
किसको दिखाए सतगुरू अपने ये दिल के छाले

कुछ तो जुदाई तेरी कुछ दुनिया सता रही है
कब आओगे ये अखियाँ आँसू बहा रही है

बेजान हो गयी है अब ज़िंदगी हमारी
बेचैन रोज करती यादें हमें तुम्हारी

आ जाओ अब तो सतगुरु साधक बुला रहे हैं
कब आओगे ये अँखियाँ आँसू बहा रहीं हैं