मात पिता है देव मेरे और
गुरु मेरे भगवान है
भूल न जाना हे मानव तू
ईश्वर की संतान है
मातृ पितृ देवो भव
चलते चलते रुक ना जाना
तेरा है यह काम नही
आदर्शों को भूल गया तो
तुमसा ना नादान कहीं
सदाचार की गंगा बहती
ऐसा हिंदुस्तान हैं
भूल न जाना हे मानव तू
ईश्वर की संतान है
मातृ पितृ देवो भव
श्रवण की मातृ भक्ति को देखो
ऐसी वो मशाल है
मिट ना सकता जल ना सकता
ऐसा बेमिसाल है
अच्छी सीख लेना ही प्यारे
जीवन बने महान है
भूल न जाना हे मानव तू
ईश्वर की संतान है
मातृ पितृ देवो भव
माँ की ममता का छाया है
गुरुवर के ही प्यार में
बचा लिया है मेरी नाव को
बीच भँवर मझधार से
हम तो बापूजी के बच्चे
हमको तो अभिमान हैं
भूल न जाना हे मानव तू
ईश्वर की संतान है
मातृ पितृ देवो भव
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