गुरुदेव तुम्हारे बिन अब काैन हमारा है
स्वार्थ की ये दुनिया है बस तेरा सहारा है
गुरुदेव मेरी नैया मजधार में ना अटके
चरणों में जगह दे दो मिल जाये किनारा है
गुरुदेव तुम्हारे बिन ....
कभी आके हँसातेे हो कभी जाके रुलाते हो
भक्तों के लिए भगवन ये खेल तुम्हारा है
गुरुदेव तुम्हारे बिन ....
तुम हो समरथ दाता मेरे भाग्यविधाता हो
भक्तों के लिए भगवन दरबार तुम्हारा है
गुरुदेव तुम्हारे बिन ....
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