योगी तेरा ही ध्यान धरे ,करे भक्त पूजा उपवास
निराकार परब्रह्म वो बापू बनकर करे विलास
सपना जगत हैं एक आभास , आश्रम हो या कारावास
जब जब बापू तुम्हे पुकारा तुमको पाया अपने पास
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...
दर्शन को तेरे ये तरसे, दो नैना दिन रात हैं बरसे
तूने ही सेवा की हमारी समझ गया अब जागा भ्रम से
मैं बालक तू मेरा पिता , तेरे वचन ही शास्र गीता
वही समय बस सफल हुआ जो तेरी यादों में हैं बीता
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...
जानता हूँ ये राज की बात तू हैं मेरे हरदम साथ
क्यों करूँ मैं चिंता कल की जब हैं सर पर तेरा हाथ
सारे देव और तीरथ धाम करते बापू तुम्हें प्रणाम
जिसमें तेरी रजा न हो हम करें कभी न ऐसे काम
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...
तपते दिल को मिले सावन, गुरु द्वार हैं ऐसा अति पावन
जी चाहे देखा ही करूँ, गुरू मूरत इतनी मनभावन
गाऊँ क्या तेरा गुणगान , बापू तू मेरा अभिमान
तेरे चरणों में ही रहना जबतक मेरे तन में प्राण
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...
योगी तेरा ही ध्यान धरे ,करे भक्त पूजा उपवास
निराकार परब्रह्म वो बापू बनकर करे विलास
सपना जगत हैं एक आभास , आश्रम हो या कारावास
जब जब बापू तुम्हे पुकारा तुमको पाया अपने पास
मेरे बापू मेरे बापू मेरे बापू प्यारे बापू ...
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