गुरुदेव तुमको पाकर धन्य धन्य हुआ ये जीवन
तुम्हरी कृपा को पाकर मंगल हुआ ये जीवन
बड़े भाग हमने पाए अवतरण हुआ जो जग में
अंधकारमय था जग यह कही आशा न थी दिल में
कोटि पुकार सुनकर बापू पधारे जग में
गुरुदेव तुमको पाकर...
कलियुग के विकट समय में दुष्कर हुआ था जीवन
छाई हुई उदासी हर ओर खड़ी उलझन
नई आशा की किरण बन अवतरण लिया धरा पर
गुरुदेव तुमको पाकर...
करुणा के तुम हो सागर भर भर पिलाते गागर
कोई कैसा भी पतित हो उसे थाम लेते गुरुवर
कईं बार जो पधारे दिया भक्ति ज्ञान गुरुवर
गुरुदेव तुमको पाकर...
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